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कोरोना से ठीक होने के बाद दोबारा हो सकता है ये संक्रमण, इन बातों का रखें ख्याल

दुनिया भर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर तैतीस हजार से भी ज्यादा हो गई है। अभी दुनिया भर में कुल संक्रमित लोग 716,101 हैं। भारत में ये संख्या 1000 के पास पहुंच चुकी है। कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा मौत इटली में हुई है। पिछले कुछ दिनों में आपने देखा होगा कि COVID-19 के मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट दूसरी तीसरी बार भी पॉजिटिव आई है। बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर इसका उदाहरण हैं। उनपर चार बार कोरोना वायरस का टेस्ट किया जा चुका है और हर बार परिणाम पॉजिटिव आए हैं।

अब सवाल उठता है कि कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों को दोबारा इस वायरस से संक्रमित होने की कितनी आशंका है। चीन और जापान के आंकड़े तो इसी तरफ इशारा करते हैं कि ये वायरस आपके शरीर पर दोबारा हमला कर सकता है। वैज्ञानिकों के पास अभी भी कोरोना वायरस को लेकर सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है। कोविड 19 एक नया वायरस है और वैज्ञानिक फिलहाल इसके व्यवहार को समझने की कोशिश में लगे हैं। वैज्ञानिक रिसर्च करने में लगे हैं कि कोरोना वायरस इतनी जल्दी फिर से कैसे लौट आता है।

कोरोना वायरस पर एक अध्ययन के बाद MERS ने बताया कि कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों को एक छोटी अवधि के बाद फिर से संक्रमित होने की आंशका बहुत कम होती है लेकिन, सार्स प्रकोप के बाद ऐसे कई मामले दर्ज किए गए थे जिनकी रिपोर्ट दोबारा पॉजिटिव आई थी। ऐसा माना जाता है कि हमारा शरीर एक वायरस से जब संक्रमित हो जाता है तो उसके खिलाफ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो जाती है। इससे दोबारा उस व्यक्ति को वायरस से संक्रमण का खतरा नहीं रह जाता।

शोधकर्ताओं के मुताबिक संक्रमित व्यक्ति को दोबारा कोई संक्रमण नहीं होता बल्कि पहले से शरीर में मौजूद वायरस की खुद को बढ़ाने लगता है। अलग-अलग बीमारियों के खिलाफ शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति अलग-अलग तरह से काम करती है।

ये बिल्कुल संभव है कि किसी भी व्यक्ति की रोग प्रतिरोध क्षमता हर वक्त वायरस से लड़ने में सक्षम नहीं हो सकती। शरीर में जरा सी भी इम्यूनिटी के कमजोर होने पर यह वायरस फिर से हमला कर सकता है। कुछ वायरस शरीर में तीन महीने से ज्यादा समय तक रह सकते हैं। ऐसे में जरूरी है इन वायरस को अपने शरीर में विकसित न होने देना। कोरोना दोबारा होने के पीछे दो फैक्टर काम करते हैं। पहला ये कि आपकी मेडिकल हालत कैसी होगी, ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपको किस तरह का ट्रीटमेंट मिला है। दूसरा ये कि कोई व्यक्ति ये बीमारी फैलने के किस स्तर पर संक्रमित हुआ है।

COVID-19 उस महामारी का नाम है जो SARS- CoV2 वायरस से होती है। इसका नाम SARS-CoV2 इसलिए दिया गया क्योंकि यह उस कोरोना वायरस का जेनेटिक कजन है जिससे 2002 में SARS-CoV फैला था। सार्स और मर्स की तरह ही नोवल कोरोनावायरस भी जूनोटिक बीमारी है। जूनोटिक बीमारी वैसी बीमारी होती है जो जानवर में होती है और जानवर से इंसान में फैलती है।

इन बातों का रखना होगा ख्याल
कोरोना वायरस को लेकर हो रहे अध्ययनों में यह बात तो साफ हो चुकी है कि यदि आपका इम्यूनिटी सिस्टम ठीक होगा तो कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम से कम है।
आप जितना अधिक पोषक तत्व युक्त भोजन करेंगे, उतना ही स्वस्थ रहेंगे।
विटामिन डी का सेवन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। विटामिन डी का मुख्य धूप को माना जाता है। ऐसे में जरूरी है इनका ठीक प्रकार से सेवन ताकि किसी भी तरह का वायरस आपको छू भी न सके।
पानी शरीर से गंदगी को निकालने में मदद करता है। ऐसे में जरूरी है कि आप सही मात्रा में पानी का सेवन करें।

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