अन्तर्राष्ट्रीय

खालसा दीवान गुरुद्वारा और लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंचे मोदी

gurudwaraवैंकूवर : यूरोप के बाद मोदी कनाडा की तीन दिन की यात्रा के अंतिम पड़ाव पर आज वैंकूवर पहुंचे और उन्होंने गुरुद्वारा खालसा दीवान में मत्था टेका एवं लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा-अर्चना की। मोदी के साथ कनाडा के प्रधानमंत्री हार्पर भी थे। वह पहले गुरुद्वारा खालसा दीवान पहुंचे, जहां के मुख्य ग्रंथी सोहन सिंह देव ने दोनों नेताओं को शॉल और सरोपा भेंट किया। मोदी ने इस मौके पर कहा कि उन्हें अमृतसर के हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा जाने का मौका मिला। उन्होंने बताया कि गुरु नानक देव के पंच-प्यारों में से एक गुजराती था। उन्होंने कहा कि 2001 में जब गुजरात में भूकंप आया था, तब वहां पर लखपत गुरुद्वारा क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसमें गुरु नानक देव 15 दिन रहे थे और उनकी बाजूका भी वहीं पर है। उन्होंने बताया कि भूकंप के बाद यह गुरुद्वारा जैसा था वैसा ही बनाया गया।
मोदी कहा कि कर्मभूमि पर फल के लिए श्रम सबको करना पड़ता है। रब सिर्फ लकीर देता है, रंग हमको भरना होता है। उन्होंने कहा कि मानवता के रंग को संवारना चाहिए और सबकी सेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिखों ने देश की आजादी में बहुत योगदान दिया है और आज कनाडा में भी भारत की जो इज्जत है वह सिखों के कारण है। लक्ष्मी नारायण मंदिर में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वे विश्व में रहने वाले भाई-बहनों को वैज्ञानिक तरीके से अपने जीवन-पद्धति से परिचित कराएं। उन्होंने कहा कि सबको छोटी-छोटी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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