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खुलासा: CM से भी ज्यादा कारें दौड़ा रहे हैं हरियाणा के मंत्री

harayana-minister-1452926321आरटीआई में खुलासा हुआ है कि हरियाणा के मंत्री राज्य के मुख्यमंत्री से ज्यादा अपनी कारों को दौड़ा रहे हैं। दायर की गई आरटीआई के जवाब के मुताबिक हरियाणा सरकार के मंत्रियों को सरकारी वाहन हमेशा चलते रहते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सरकार की तरफ से आठ कारें दी गई हैं, जो कि एक महीने में बीस किलोमीटर से भी कम चलती हैं। वहीं अन्य मंत्रियों की कारें सीएम बेड़े की सभी कारों की दूरी को मिला लें तो उनसे भी ज्यादा दूरी तय करती हैं।अंग्रेजी वेबसाइट डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ मंत्रियों की सरकारी कारें एक महीने में 28 हजार किलोमीटर से भी ज्यादा चल रही है, इसका मतलब कि एक दिन में वे कारें 933 किलोमीटर चल रही हैं। यह दूरी इतनी है कि चंड़ीगढ़ से गुडग़ांव के चार चक्कर लगाए जा सकते हैं। इस दूरी को तय करने के लिए 1.82 लाख रुपए से ज्यादा का तेल जलाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर सीएम की आठ कारें औसतन हर महीने 17 से 19 हजार किलोमीटर चलती हैं।

हरियाणा के शिक्षामंत्री राम बिवास शर्मा को दी गई दो कारों ने जुलाी महीने में करीब 28 किलोमीटर की दूरी तय की और सरकार की तरफ से उन्हें 1.82 लाख रुपए का तेल का बिल दिया गया। उनकी टोयटो फॉरचूनर और मारूती एसएक्स4 ने अगस्त में 25,360किलोमीटर, सितंबर में 22,028 किलोमीटर और अक्टूबर में 25,454 किलोमीटर दूरी तय की है। इन चार महीनों के तेल के बिल के उन्हें सरकार की ओर से 6.20 लाख रुपए दिए गए। एक महीना का उनका तेल का बिल औसतन 1.55 लाख रुपए आ रहा है। इस अवधि में सीएम की कारों का तेल का बिल 90 हजार रुपए आया है।

वहीं कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनकड़ की कार अक्टूबर में 24,360 किलोमीटर, जुलाई में 18,640 किलोमीटर, अगस्त में 23596 किलोमीटर, सितंबर में 23,596 किलोमीटर चली है। इनके साथ ही स्टेट मिनिस्टर कृष्णन कुमार की कार हर महीने औसतन 18,424 किलोमीटर दौड़ी है। हरियाणा पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग मंत्री घनश्याम सराफ की कार एक महीने में औसतन 17,782 किलोमीटर चली है। मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर फूड एंड सप्लाई करणदेव कंबोज की कार ने 16,926 किलोमीटर एक महीने की औसतन दूरी तय की है। इस पर केबिनेट मंत्रियों का कहना है कि मंत्री अपने कारों का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह इस ओर संकेत करता है कि मंत्री मेहनत से काम कर रहे हैं और वे ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिल रहे हैं।

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