अद्धयात्म

गुरु पूर्णिमा और ग्रहण के बाद शुरू होगा सावन का पवित्र महीना…

12 जुलाई से चातुर्मास का महीना आरम्भ होगा। चातुर्मास वे चार महीने होते है जिसमें सभी तरह के मांगलिक कार्य थम जाते हैं। इन चार महीनों में विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकते। 12 जुलाई को देवशयनी एकादशी है इसके बाद 16 जुलाई की रात को चंद्रग्रहण भी लगेगा यह ग्रहण खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा जिसे भारत में देखा जा सकेगा। 16 जुलाई को गुरु पूर्णिमा भी है। 16 जुलाई को चंद्र ग्रहण है। शाम साढ़े चार बजे से सूतक शुरू हो जाएगा। जिसके कारण से 4.30 बजे तक ही गुरु पूर्णिमा मनाई जा सकेगी। ग्रहण के बाद अगले दिन यानी 17 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू हो जाएगा।

क्या होता है चातुर्मास
चातुर्मास 4 महीने का ऐसा समय होता है जिसमें सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु क्षीर सागर में निद्रा में होते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है। देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु सागर में आराम करेंगे। चातुर्मास के दौरान यानी 4 माह में विवाह संस्कार, संस्कार, गृह प्रवेश आदि सभी मंगल कार्य निषेध माने गए हैं। देवोत्थान एकादशी के साथ शुभ कार्यों की शुरुआत दोबारा फिर से हो जाती है।

आने वाले चार महीने जिसमें सावन, भादौ, आश्विन और कार्तिक का महीना आता है उसमें खान-पान और व्रत के नियम और संयम का पालन करना चाहिए। दरअसल इन 4 महीनो में व्यक्ति की पाचनशक्ति कमजोर हो जाती है इससे अलावा भोजन और जल में बैक्टीरिया की तादाद भी बढ़ जाती है। इन चार महीनों में सावन का महीना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है।

गुरु पूर्णिमा और शुभ मुहूर्त
हर साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा 16 जुलाई को है। हिंदू संस्कृति में गुरु को भगवान से बड़ा माना गया है। महर्षि वेद व्यास पहले गुरु थे, जिन्होंने सनातन धर्म के चारों वेदों की व्याख्या की थी। सनातन धर्म में महर्षि वेद व्यास को प्रथम गुरु माना जाता है।

शुभ मुहूर्त- गुरु पूर्णिमा पर दोपहर 1.30 से 4.00 बजे तक राहुकाल चलेगा। इससे पहले गुरु पूर्णिमा की पूजा कभी भी की जा सकती है।

चंद्र ग्रहण 16 -17 जुलाई
16 जुलाई की रात 1.31 बजे ग्रहण का स्पर्श होगा, मध्य तीन बजे व मोक्ष रात 4.30 बजे होगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में कुल मिलाकर 2 घंटे 59 मिनट का होगा। चंद्र ग्रहण धनु राशि और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होगा।

कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मलेशिया, जापान, चीन, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और यूरोप में दिखाई देगा।

कब लगता है चंद्र ग्रहण
जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य तीनो एक सीधे लाइन में आ जाते हैं, तब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है। इसे ही चंद्र ग्रहण कहा जाता है।

17 जुलाई के सावन का महीना शुरू
सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना होता है। सावन के महीने में शिव भक्त भोले भंडारी की भक्ति में डूबे रहते हैं। इस बार 17 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है। सावन का महीना शुभ और विशेष संयोग के साथ 17 जुलाई से प्रारम्भ होकर 15 अगस्त तक रहेगा.

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