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चांद पर जीवन की संभावना, इजरायल के स्पेसक्राफ्ट से वैज्ञानिकों को मिले संकेत

इजरायल : चांद पर जीवन की तलाश को लेकर वैज्ञानिकों ने बड़ा खुलासा किया है। चांद पर कुछ ऐसे संकेत मिले हैं जिनसे वहां जीवन की उम्मीद बंध रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बहुत मुश्किल परिस्थितियों और तापमान में भी कई सप्ताह तक बिना भोजन के कुछ प्रजाति के जीव चांद पर जीवित रह सकते हैं। इस प्रजाति को टारटीग्रेड्स कहा जा सकता है। यह प्रजाति पृथ्वी पर ही पाई जाती है, लेकिन हजारों की संख्या में पिछले दिनों एक स्पेस मिशन में इन्हें ले जाया गया था।
भारत के चंद्रयान-2 लॉन्च करने से कुछ वक्त पहले इसी साल अप्रैल में इजरायल ने भी अपना स्पेसक्राफ्ट बेरेशीट चांद पर भेजा था। हालांकि, इजरायल का यह मिशन सफल नहीं रह सका और स्पेसक्राफ्ट लैंड करते वक्त क्रैश हो गया। यह इजरायल का पहला प्राइवेट फंड स्पेसक्राफ्ट था। इजरायल की एक नॉन प्रॉफिट कंपनी ने इस स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च किया था। अमेरिका की एक कंपनी आर्क मिशन फाउंडेशन भी इस प्रॉजेक्ट से जुड़ी थी। यह कंपनी धरती से इतर जीवन की संभावना तलाश करने का काम कर रही है। इस मिषन से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि संभव है कि स्पेसक्राफ्ट के साथ गए टारटीग्रेड्स चांद पर अभी तक जीवित हैं। इजरायल के स्पेसक्राफ्ट बेरेशीट को जब चांद पर भेजा गया तो उसमें एक विशेष तरह के पैकेज का भी प्रयोग किया गया था। इस विशेष प्रबंध का नाम ल्यूनर लाइब्रेरी यानी चांद का पुस्तकालय नाम दिया गया। ऑर्क मिशन फाउंडेशन ने बेरेशीट पर इसे सवार किया था। संगठन का मुख्य उद्देश्य मानव इतिहास को चांद पर सुरक्षित करने का काम है। चांद के पुस्तकालय में मानव इतिहास से जुड़े कई उपकरण जैसे 3 करोड़ पन्नों में मानव इतिहास, इंसानों का डीएनए सैंपल और हजारों डिहाइड्रेटेड टारटीग्रेड्स थे। मिशन के चेयरमैन नोवा स्पीवैक ने कहा, अभी तक के संकेतों से ऐसा लग रहा है कि यान के क्रैश होने के बावजूद भी टारटीग्रेड्स जिंदा बचे हुए हैं। चांद पर जीवन की संभावनाओं की खोज के लिहाज से यह बहुत महत्वपूर्ण घटना है। फिलहाल हम आगे के परिणामों की ओर देख रहे हैं।

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