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चीन के जियांगयिन शहर में स्थित हुआझी है सबसे अमीर गांव

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NEW DELHI : INDIA में गांव का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में गरीबी, कच्चे मकान, अशिक्षित लोगों की तस्वीर बन जाती है। नेता भी VOTE लेकर 5 साल में एकाद बार चक्कर लगाते है पर CHINA का एक गांव ऐसा है जिसकी सुख-सुविधा बड़े-बड़े शहरों को भी पछाड़ दे

इस गांव में रहने वाले 2000 लोगों की सलाना आमदनी एक लाख यूरो जो करीब 80 लाख रुपए होते है। हुआझी गांव आज एक सफल समाजवादी गांव का मॉडल पेश कर रहा है।
1961 में स्थापना के बाद यहां कृषि की हालत बहुत खराब थी। लेकिन गांव की कम्युनिस्ट पार्टी कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रहे ‘वू रेनवाओ’ ने इस गांव की सूरत बदल दी।
वू ने औद्योगिक विकास की योजना के लिए पहले गांव का निरीक्षण करके एक मल्टी सेक्टर इंडस्ट्री कंपनी बनाई। उन्होंने गाव में सामूहिक खेती की प्रणाली का नियम बनाया। इसके साथ ही 1990 में कंपनी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराया। गांव के लोगों को कंपनी में शेयरधारक भी बनाया गया।
इस गांव में मुफ्त में मिलती हैं सुविधाएं
गांव की स्टील, सिल्क और ट्रेवल इंडस्ट्री खास तौर पर विकसित किया गया और इसने 2012 में मुख्य रूप से 9.6 अरब डॉलर के फायदे का योगदान दिया। गांव के लोगों के लाभ का हिस्सा कंपनी में शेयर होल्डर निवासियों के बीच बांटा जाता है।
इस गांव के सकल वार्षिक आय का 80% टैक्स में कट जाता है, टैक्स के बदले रजिस्टर्ड नागरिकों को बंगला, कार, मुफ्त स्वास्थ्य, सुरक्षा, मुफ्त शिक्षा, शहर के हेलिकॉप्टर का मुफ्त इस्तेमाल के साथ ही होटलों में मुफ्त खाने की सुविधाएं दी जाती है।
ये सुविधाएं मिलती हैं गांव के लोगों को : 
गांव में 50 साल से ज्यादा उम्र की महिला और 55 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों को हर महीने की पेंशन के साथ ही चावल और सब्जियां भी दी जाती हैं।
खास बात यह है की रजिस्टर्ड लोगों में गांव के वो पुराने लोग शामिल हैं, जो इसकी स्थापना के वक्त से ही यहां रह रहे हैं और कंपनी का हिस्सा हैं।
इनके पास कंपनी में शेयरधारक होने के सर्टिफिकेट भी हैं। हुआझी गांव सिर्फ़ समृद्ध ही नहीं है, यह देखने में भी बहुत आकर्षक है।
देशी-विदेशी तकरीबन 5 हजार लोग रोज इस गांव में घूमने और इसे देखने आते हैं। इन्हें गांव में घुसने के लिए एंट्रेंस फीस भी चुकानी पड़ती है।
हालांकि इसके बाद गांव में किसी भी जगह पर घूमने की कोई फीस नहीं है। ये गांव हाईटेक शहर से कम नहीं हैं।
 
 

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