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छत्‍तीसगढ़ के राजनांदगांव में मुठभेड़ के दौरान सात नक्‍सली ढेर

रायपुर : छत्‍तीसगढ़ के राजनांदगांव में डीआरजी जवानों के साथ हुई मुठभेड़ में सात नक्‍सली मारे गए हैं। राज्‍य के डीजीपी डीएम अवस्‍थी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि ऑपरेशन अभी भी जारी है। घटनास्‍थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है। बता दें कि सुरक्षा बल के जवान नक्‍सलियों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं, जिससे नक्‍सली हमलों में कमी आई है। सरकार ने पिछले महीने में संसद में बताया था कि साल 2009-2013 की तुलना में वर्ष 2014-18 के दौरान नक्सली हिंसा में 43 फीसदी की कमी आई है। राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने एक सवाल के लिखित जवाब में बताया था कि राष्ट्रीय नीति एवं कार्य योजना 2015 के अमल में लाए जाने की वजह से नक्सली हिंसा में लगातार कमी आई है।

2018 में नक्सली हिंसा से प्रभावित जिलों की संख्या घटकर केवल 60 रह गई है। गृह राज्य मंत्री रेड्डी ने बताया कि साल 2010 में नक्सली हिंसा से प्रभावित जिलों की संख्या 95 थी। नक्सली हिंसा की घटनाएं साल 2009 में 2258 दर्ज की गई थीं जो साल 2018 में कम होकर 833 रह गई हैं। यही नहीं साल 2010 में नक्सली हिंसा में 1005 लोगों की मौत हो गई थी। साल 2018 में नक्‍सली हिंसा में मौतों का आंकड़ा घट कर 240 रह गया है। इस साल 30 जून तक नक्सली हमलों में 117 लोगों की मौत हुई है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 139 लोग मारे गए थे। गौरतलब है कि सरकार ने हाल ही में आतंकवाद और देख विरोधी गतिविधियों के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा एजेंसियों के हाथ और मजबूत किए हैं। राज्यसभा ने गैर-कानूनी गतिविधियों के रोकथाम (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी है। इससे राष्ट्रीय जांच एजेंसी अब देश के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल ऐसे किसी भी व्यक्ति को आतंकी घोषित कर सकेगी। इनमें वह भी शामिल होंगे, जो विदेशों में बैठकर देश में आतंकी गतिविधियों को संचालित करते हैं।

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