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जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद मुफ्ती के परिवार ने छोड़ा सीएम आवास

दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ 101956-cm-house-jammu-cityजम्मू : जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन पर रहस्य और गहरा गया है। वह इसलिए क्योंकि सूबे के दिवंगत मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के परिवार ने यहां उनके नाम आवंटित मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास खाली कर दिया है। परिवार के इस कदम से अटकलों का दौर शुरू हो गया है कि क्या मुफ्ती की बेटी और पीडीपी प्रमुख मेहबूबा मुफ्ती सरकार बनाने को लेकर कुछ अलग दिशा में सोच रही हैं?

सरकारी आवासों के आवंटन के लिए जिम्मेदार संपदा विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘यह अपवाद मामला है। मुफ्ती साहब की पत्नी मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास आईं थीं और परिवार का सारा सामान लेकर चली गईं।’ मेहबूबा 31 जनवरी को पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने वाली हैं और तब सरकार गठन को लेकर कोई संकेत मिल सकते हैं। पीडीपी प्रमुख ने ऐसी ही बैठक तीन फरवरी को जम्मू में भी बुलाई है। सीएम आवास खाली करने के बाद मुफ्ती सरकार में शामिल भाजपा भी सकते में है। उसे भी समझ में नहीं आ रहा है कि सूबे में अगली सरकार पर पीडीपी का क्या रूख होगा।

दिवंगत नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के 11 दिनों बाद उनकी पत्नी और मेहबूबा की मां बेगम गुलशन 18 जनवरी को जम्मू सिटी स्थित वजारत रोड पर बने बंगले में गई थीं और परिवार का सारा सामान वहां से ले आयीं। पीडीपी प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नईम अख्तर ने बताया, ‘मुफ्ती साहब मुख्यमंत्री रहे नहीं, तो जन व्यवहार की सर्वश्रेष्ठ परंपरा का पालन करते हुए 18 जनवरी को उनका परिवार अपना सारा सामान उस मकान से लेकर चला गया।’ 

उन्होंने कहा, ‘इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है। यह एक आम चलन है। मुफ्ती साहब ने हमेशा इसकी वकालत की थी। वह मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास है। कोई ऐसा शख्स वहां कैसे रह सकता है जो मुख्यमंत्री न हो?’ राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि नियमों के मुताबिक, यदि कोई मुख्यमंत्री नहीं रह जाता है तो एक महीने तक सरकारी आवास में रह सकता है। लेकिन सईद का परिवार उनके निधन के बाद एक महीना इस मकान में नहीं ठहरा। 

ठंड के मौसम (नवंबर से अप्रैल तक छह महीने) के दौरान राज्य सरकार का सारा कामकाज जम्मू से होता है और बाकी के छह महीने श्रीनगर से शासन कार्य संचालित किया जाता है। सईद के परिवार का यह कदम काफी अहमियत रखता है, क्योंकि मेहबूबा को राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, सरकार गठन के मुद्दे पर उन्होंने रहस्य को और बढ़ा दिया है।

जम्मू-कश्मीर की 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी के 27 और भाजपा के 25 विधायक हैं। पीडीपी ने भाजपा के साथ गठबंधन कर 10 महीने तक राज्य की सरकार भी चलाई। लेकिन सात जनवरी को सईद के निधन के बाद से राज्य में कोई मुख्यमंत्री नहीं है और आठ जनवरी से राज्यपाल शासन लागू है।

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