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जम्मू-कश्मीर में आईएस की बड़ी मौजूदगी नहीं हैः डी एस हुड्डा

DS-Hoodaदस्तक टाइम्स एजेन्सी/ भारतीय थलसेना के उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस की बड़ी मौजूदगी नहीं है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए चौकस रहने की जरूरत है कि वह यहां अपनी पैठ न बना पाए. हुड्डा ने आईएसआईएस की विचारधारा के प्रसार को रोकने के लिए एक खुफिया अभियान की वकालत की. एक सवाल के जवाब में जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ने बताया कि इस्लामिक स्टेट दक्षिण एशिया और भारतीय क्षेत्र की बातें करता रहा है, लेकिन अभी हमें जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक स्टेट की बड़ी मौजूदगी नहीं दिखाई देती. लेकिन मेरा मानना है कि हमें चौकस रहने की जरूरत है.

लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने कहा कि हमें हालात के ठीक तरीके से अध्ययन की जरूरत है. हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि इस्लामिक स्टेट अपनी पैठ न बना पाए. ऐसे में हमें एक खुफिया अभियान की जरूरत है ताकि हम यह सुनिश्चित कर सकें कि इस्लामिक स्टेट की विचारधारा भारत में फैलने न पाए. वरिष्ठ सैन्य अधिकारी हुड्डा जम्मू्-कश्मीर में आईएसआईएस की मौजूदगी और भारत में इसके फैलाव के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे.

आईएसआईएस की ओर से जम्मू-कश्मीर में अपना अभियान शुरू करने की धमकी दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने बताया कि हमें ठीक तरीके से हालात का अध्ययन करने की जरूरत है. हमें यह सुनिश्चित करना है कि वे यहां पैठ न बना पाएं. थलसेना कमांडर ने लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद की इस धमकी को तवज्जो नहीं दी कि भारतीय सरजमीं पर वह और हमले कराएगा.

सैन्य अधिकारी ने कहा कि इसमें कुछ नया नहीं है. लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने कहा कि हम जानते हैं कि लश्कर से खतरा है. वे हर बार ऐसी बातें करते हैं. लिहाजा, मुझे तब तक इसमें कुछ नया नजर नहीं आता जब तक पाकिस्तानी शासन व्यवस्था और पाकिस्तान की सरकार का उसकी गतिविधियों पर नियंत्रण है. हम इसे सामान्य बात मानते हैं. वह ऐसी बातें करता रहता है. घुसपैठ के बाबत हुड्डा ने कहा कि पाकिस्तान से लगी सीमा पर बेहतर बाड़ लगने वाले हैं जिसमें बेहतर सेंसर और अन्य उपकरण लगे होंगे.

 

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