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जल्द मिलेगी गर्मी से मिलेगी राहत, अगले 5 दिन होगी झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

लखनऊ: उत्तर-पश्चिम भारत में करीब एक हफ्ते तक लू के प्रकोप के बाद शुक्रवार को तापमान में गिरावट देखी गई, लेकिन मानसून की स्थिति बेहतर नहीं होने से हाई ह्यूमिडिटी के कारण लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश , पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। वहीं राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ इलाकों में शुक्रवार से ही हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होना शुरू हो गई है।

इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में उमस भरी गर्मी रहने के साथ ही अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिल्ली में जुलाई के महीने में अब तक लोगों को 4 दिन लू के प्रकोप का सामना करना पड़ा। इन चार दिनों में एक जुलाई को अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, दो जुलाई को उच्चतम तापमान 41.3 डिग्री सेल्सियस रहा, 7 जुलाई को जब पारा 42.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और 8 जुलाई को अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के साथ ही राजधानी के लोगों को भीषण गर्मी से जूझना पड़ा।

हालांकि शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में रिलेटिव ह्यूमिडिटी 89 फीसदी से 49 फीसदी के बीच रही। पड़ोसी राज्य हरियाणा के गुरुग्राम में अधिकतम तापमान 39.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि उत्तर प्रदेश के नोएडा में अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं पंजाब और हरियाणा में शुक्रवार को भी गर्मी का कहर जारी रहा, जबकि कुछ स्थानों पर बारिश हुई। हरियाणा के नारनौल में अधिकतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री अधिक 41.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ीं, जबकि राज्य के कुछ अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति रही। राज्य में सबसे अधिक अधिकतम तापमान आगरा में 42.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, प्रयागराज, कानपुर, लखनऊ, बरेली और झांसी संभाग में दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों पर भी बारिश हुई क्योंकि मैदानी और पहाड़ियों दोनों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहा। राजधानी देहरादून में अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

भले ही मानसून अब तक उत्तर-पश्चिम भारत से अलग-थलग रहा हो, लेकिन तमिलनाडु और दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों इसकी स्थिति मजबूत बनी हुई है। केरल, लक्षद्वीप, तटीय कर्नाटक और पुडुचेरी के अधिकांश स्थानों के अलावा तेलंगाना तथा तटीय आंध्र प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश हुई। IMD के मुताबिक, अरब सागर से दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के और मजबूत होने तथा 11 जुलाई के आस-पास बंगाल की खाड़ी के ऊपर लो प्रेशर एरिया की संभावना के कारण,जिससे अगले 5 दिनों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भारी बारिश वर्षा होने की संभावना है।

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