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जेएनयू : सामने आईं हिंसा की तस्वीरें, पुलिस को मिले कई लाठी-डंडे

नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार शाम को हुई हिंसा को लेकर दूसरे दिन सोमवार को कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। इसमें हिंसा के निशान साफ देखे जा सकते हैं। तस्वीरों में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैम्पस में टूटी बाइक और लाठी-डंडे मिले हैं। सोमवार को साबरमती होस्टल के सीनियर वॉर्डन ने इस्तीफा दे दिया है। घबराए छात्र, छात्राओं ने कैम्पस छोड़कर घर जाना शुरू कर दिया है। एक छात्रा का कहना है कि हिंसा करने वाले लोग बाहर से आए थे, उनके हाथ में लाठी-डंडे थे। यहां पर हालात ठीक नहीं हैं, इसलिए मैं कैम्पस छोड़कर घर जा रही हूं। बताया जा रहा है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दोपहर में पत्रकार वार्ता कर अपना पक्ष रखेगी। इस पत्रकार वार्ता में एबीवीपी से जुड़े घायल छात्र भी उपस्थित रह सकते हैं। वहीं गृहमंत्री मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के उपराज्यपाल से बात की है। जेएनयू के प्रतिनिधियों ने सोमवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की और बताया कि सफदरजंग और एम्स में भर्ती 34 घायलों को डिस्चार्ज कर दिया गया है।


उधर, उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर घटना की भर्त्सना की और इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग की है। वहीं, मायावती ने भी जेएनयू की हिंसा की है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि हमें विभिन्न पक्षों की ओर एक शिकायत मिली है। हम जल्द ही इन मामले में एफआइआर दर्ज करेंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई में भी जेएनयू में हुई हिंसा का असर देखने को मिला। मुम्बई में गेट-वे ऑफ इंडिया पर छात्रों का प्रदर्शन जारी है। सम्भावित प्रदर्शन के मद्देनजर मथुरा रोड और कालिंदी कुंज के बीच 13A को बंद कर दिया गया है। कालिंदी कुंज बंद होने के कारण सिर्फ बारापुला नहीं मथुरा रोड, रिंग रोड, आउटर रिंग रोड और डीएनडी पर भी जाम लग रहा है। ऐसे में लोगों को सलाह दी गई है कि वे इस रास्ते का इस्तेमाल नहीं करे। वाहन चालकों से कहा गया है कि वे नोएडा से आ रहे लोगों को डीएनडी और अक्षरधाम के जरिये जाने की सलाह दी है।
जेएनयू में हिंसा के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर सोमवार को प्रदर्शन हो सकता है। ऐसे में पुलिस ने रूट डायवर्जन कर दिया है। रविवार को हुई हुई हिंसा जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष के सिर पर गम्भीर चोट आई है। हॉकी और रॉड से लैस 12 से अधिक नकाबपोश बदमाशों ने रविवार को जेएनयू परिसर में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया। उपद्रवियों ने विवि की सम्पत्ति को भी नुकसान पहुंचाया। हमले में 27 विद्यार्थी व तीन शिक्षक अतुल सूद, सौगता भादुड़ी व सुचरिता घायल हुए हैं। छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने परिसर में फ्लैगमार्च भी किया। जेएनयू प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करा दी है। करीब 50 छात्र हिरासत में लिए गए हैं। हमले के लिए वामपंथी छात्र संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एक दूसरे को दोषी बताया है।

एबीवीपी का कहना है पहले वामपंथी छात्र संगठनों ने हमला किया। एबीवीपी की जेएनयू ईकाई के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा कि रविवार को उन छात्रों के लिए पंजीकरण का आखिरी दिन था, जो मानसून सेमेस्टर की दिसम्बर में परीक्षा नहीं दे पाए थे। विंटर सेमेस्टर के लिए भी पांच जनवरी पंजीकरण की अंतिम तिथि थी। वामपंथी छात्र संगठन दो-तीन दिन से पंजीकरण प्रक्रिया बाधित कर रहे थे। शनिवार रात उन्होंने उस कार्यालय की इंटरनेट सेवा ठप कर दी, जहां पंजीकरण हो रहे थे। रविवार को दिन में तीन बजे एबीवीपी से जुड़े छात्र प्रशासनिक भवन के पास जुटे और पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कराने की कोशिश की। इसी दौरान वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्रों ने हमला कर दिया और सुरक्षाकर्मियों को भी पीटा। गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से घटना की जानकारी ली और जांच के आदेश दिए हैं। जेएनयू के छात्र रह चुके विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घटना की निंदा की है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात की और पुलिस को तुरंत दिशा-निर्देश जारी करने के लिए अनुरोध किया।

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