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जो बाइडन ने भारतीय मूल के अमेरिकी राशद हुसैन को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता का अमेरिकी राजदूत बनाया

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारतीय मूल के अमेरिकी, राशद हुसैन को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता का अमेरिकी राजदूत बनाया है। राशद इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले मुस्लिम हैं। 41 बरस के राशद नेशनल सिक्यूरिटी काउंसिल में पार्टनरशिप्स और ग्लोबल इंगेजमेंट के निदेशक हैं। वाइट हाउस ने अपने एक बयान में बताया है कि वह न्याय विभाग के राष्ट्रीय सुरक्षा बिभाग में वरिष्ठ वकील के रूप में काम कर चुके हैं। ओबामा प्रशासन के दौरान, राशद ने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) में अमेरिका के विशेष दूत के रूप में, आतंक विरोधी और वाइट हाउस के उप सहयोगी के रूप में काम कर चुके हैं।

ओबामा प्रशासन के साथ काम कर चुके हैं राशद
अमेरिकी प्रतिनिधि होने के नाते राशद शिक्षा, स्वास्थ्य, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में भागीदारी का विस्तार करने के लिए OIC, संयुक्त राष्ट्र, विदेशी सरकारों और नागरिक समाज संगठनों के साथ काम कर चुके हैं। राशद ने मुस्लिम बहुल देशों में धार्मिक अल्पसंख्यक हितों की रक्षा करने के क्षेत्र में भी काम कर चुके हैं। वाइट हाउस के बयान में बताया गया है कि ओबामा प्रशासन में शामिल होने से पहले, राशद यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स में ज्यूडिशियल लॉ क्लर्क के रूप में काम कर चुके हैं। वह ओबामा-बाइडन ट्रांजिशन प्रोजेक्ट के सहयोगी वकील भी थे।

राशद का इंडिया कनेक्शन
हालांकि हुसैन का जन्म व्योमिंग, अमेरिका में हुआ था और उनका पालन-पोषण प्लानो, टेक्सास में हुआ। लेकिन उनकी जड़ें भारत में हैं। राशद के पिता एक खनन इंजीनियर थे जो 1960 के दशक के अंत में बिहार से व्योमिंग चले गए थे। कुछ साल बाद भारत यात्रा के दौरान उन्होंने राशद की मां से शादी की, जो अब प्लानो में एक प्रसूति रोग विशेषज्ञ हैं।

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