डाटा लीक मामले में अब फेसबुक को चुकाना पड़ेगा पांच अरब डॉलर का जुर्माना…
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ग्राहकों की निजता के उल्लंघन मामले में बुधवार को फेसबुक पर पांच अरब डॉलर यानी 34 हजार करोड़ रुपये का जुर्माना लगा है। अब इसपर कंपनी का बयान आया है। फेसबुक का कहना है कि संघीय व्यापार आयोग (एफटीसी) द्वारा की गई लंबी जांच के बाद कंपनी पर पांच अरब डॉलर का जुर्माना लगा है, जिसका कंपनी भुगतान करेगी। बता दें कि डाटा चोरी मामले में यह किसी कंपनी पर लगने वाला सबसे अधिक जुर्माना है। पांच अरब डॉलर के जुर्माने के भुगतान के अतिरिक्त फेसबुक खुद को नए प्रतिबंधों के लिए प्रस्तुत रहने के लिए सहमति व्यक्त की है।
संघीय व्यापार आयोग (एफटीसी) द्वारा की गई लंबी जांच के बाद हुआ समझौता फेसबुक को डाटा संरक्षण में खामियों के मामले में मुकदमे से बचने की अनुमति देता है। हालांकि यह असल प्रश्न अब भी बरकरार है कि भविष्य में अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए फेसबुक पर किस तरह के प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं और इसके लिए क्या जरूरतें होंगी।
कंपीन के पास 2.7 अरब से अधिक ग्राहकों का डाटा
फेसबुक के सीईओ एवं संस्थापक मार्क जुकरबर्ग को समझौते के क्रियान्वयन के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा। फेसबुक के पास 2.7 अरब से अधिक ग्राहकों का डाटा है। युवा अरबपति को तीन-तीन महीने के अंतराल पर यह प्रमाणित करने के लिए एफटीसी के पास जाना होगा कि उनकी कंपनी समझौते का पालन कर रही है।
नियामक के पांच सदस्यीय बोर्ड ने दो के मुकाबले तीन मतों से समझौते को स्वीकार कर लिया है। यह डाटा इसकी सर्वाधिक मूल्यवान संपत्ति है जिसका इस्तेमाल सोशल नेटवर्किंग साइट भारी विज्ञापन राजस्व अर्जित करने के लिए करती है।
स्थिति की जानकारी रखने वाले एक अज्ञात सूत्र ने कहा कि कोई भी झूठा बयान दंड को आमंत्रित करेगा। अनुपालन की जिम्मेदारी कंपनी के निदेशक मंडल की भी होगी। वाशिंगटन पोस्ट ने कहा कि इसके अतिरिक्त एफटीसी समझौते के साथ शिकायत में यह भी बताएगा कि फेसबुक ने फोन नंबरों और चेहरा पहचानने वाले टूल के इस्तेमाल को लेकर किस तरह यूजर्स को गुमराह किया।