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नवाज शरीफ ने शक्ति प्रदर्शन के लिए शुरू किया इस्लामाबाद से लाहौर तक का रोडशो

अगले साल के आम चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने की कोशिश के तहत पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस्लामाबाद से लाहौर तक का अपना रोडशो शुरु किया। ऐतिहासिक ग्रैंड ट्रंक रोड पर उनका रोडशो सुरक्षा खतरों के बावजूद शुरु हुआ। उसमें बड़ी संख्या में उनके समर्थक जुटे।
सोमवार को शरीफ को लाहौर जाने के लिए जिस रास्ते से गुजरना था, उस रास्ते में बम विस्फोट हुआ था और दो लोगों की जान चली गयी थी। सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के सूत्रों ने बताया कि कुछ नेता शरीफ की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और वे विस्फोट को शरीफ के लिए रैली को आकार छोटा करने की हिदायत मानते हैं।

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नवाज शरीफ ने शक्ति प्रदर्शन के लिए शुरू किया इस्लामाबाद से लाहौर तक का रोडशोउनका यह रोडशो ऐसे वक्त हो रहा है जब कुछ ही दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने उन्हें पनामा मामले में पाकिस्तानी संसद की सदस्यता के लिए अयोग्य करार दिया था। उन्होंने 370 किलोमीटर लंबी यात्रा शुरू करने से पहले प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी, मंत्रिमंडल के सदस्यों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने महत्वपूर्ण स्थानों पर भाषण देने की योजना भी बनाई है जहां बड़ी संख्या में समर्थकों के आने की उम्मीद है।

सूत्रों के अनुसार, शरीफ ने सभी चिंताओं को खारिज कर दिया और अपने साथियों से कहा कि अपने अपदस्थ होने के बारे में समर्थकों को सूचित करने के लिए उनसे संपर्क करना अहम है। वह लाहौर पहुंचने के बाद एक रैली को भी संबोधित करेंगे। रैली के समय और स्थान की घोषणा नहीं की गई है क्योंकि अभी यह नहीं पता है कि उन्हें लाहौर पहुंचने में कितना समय लगेगा।

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आयोजकों के अनुसार, आम तौर पर ग्रांड ट्रंक रोड के जरिए इस्लामाबाद से लाहौर पहुंचने में पांच घंटे लगते हैं। लेकिन शरीफ के काफिले को करीब दो दिन लग सकते हैं। शरीफ की यात्रा की योजना से उनके प्रतिद्वंद्वी इमरान खान पहले ही परेशान है। खान ने एक प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया था कि शरीफ न्यायालय के निर्णय को चुनौती देकर उसका अपमान कर रहे हैं।

क्रिकेटर से नेता बने तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख खान ने कहा, ‘‘यह हैरान करने वाला है कि जिस व्यक्ति को अयोग्य ठहराया गया वह रोड पर यात्रा करने और लोगों को यह बताने की योजना बना रहा है कि वह निर्दोष है।’’ इस बीच, कनाडा में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के धार्मिक नेता ताहिर-उल-कादरी लाहौर लौट आए हैं। उन्होंने शरीफ के रोडशो की आलोचना की और मांग की कि उन्हें इस कार्यक्रम को बदलना चाहिए।

 

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