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निकला शुभ दिन, 11 मई को खुलेंगे बदरी विशाल के कपाट

muslim-written-arti-offers-in-badrinath-dham-5663e70493e31_exlstदस्तक टाइम्स एजेंसी/गणेश पूजन के साथ भगवान श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोलने की तिथि घोषित कर दी गई है। मेष राशि लग्न के अनुसार मंदिर के कपाट 11 मई को तड़के 4.30 बजे विधिवत पूजा-अर्चना के साथ खोले जाएंगे, जबकि भगवान बदरी विशाल के महाभिषेक के लिए तिलों का तेल 25 अप्रैल को निकाला जाएगा।

राजदरबार में आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने गणेश, पंचांग और चौकी पूजन के बाद सुबह साढ़े दस बजे महाराजा मनुज्येंद्र शाह की जन्म कुंडली का अध्ययन और ग्रह नक्षत्रों की दशा देखकर भगवान श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोलने की तिथि घोषित की।

भगवान बदरीविशाल के महाभिषेक के लिए स्थानीय सुहागिन महिलाएं 25 अप्रैल को राजदरबार में तिलों का तेल निकालेंगी। उसके बाद गाडू-घड़ी यात्रा को लेकर डिम्मर पंचायत के लोग गंतव्य को प्रस्थान करेंगे। इस बीच यात्रा ऋषिकेश, श्रीनगर, पांडुकेश्वर आदि विभिन्न स्थानों पर रुकने के बाद 10 मई को बदरीनाथ धाम पहुंचेगी। 11 मई को तिलों के तेल से बदरीविशाल के महाभिषेक के बाद मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।इस मौके पर महाराजा मनुज्येंद्र शाह, टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, बदरीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी नारायण, मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, धर्माधिकारी भुवन उनियाल, मंदिर अधिकारी भूपेंद्र मैठाणी, डिम्मर पंचायत के अध्यक्ष सुरेश डिमरी, उपाध्यक्ष आशुतोष डिमरी, मीडिया प्रभारी हरीश गौड़, सरपंच ज्योतिष डिमरी, आशीष सेमवाल, गोविंद प्रसाद डिमरी, संपूर्णानंद जोशी, राणा कर्ण प्रकाश जंग, राजपाल जड़धारी, धनंजय अरोड़ा, घनश्याम भट्ट, टीकादेई शाह सिरजा आदि उपस्थित थे।

मंदिर समिति और प्रदेश सरकार यात्रा को सफल और सुचारु बनाने के लिए कृत संकल्प है। सरकार और मंदिर समिति का पहला उद्देश्य यात्रियों को सुरक्षित यात्रा कराना है। इसको देखते हुए यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी गई है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि जोशीमठ से बदरीनाथ तक मार्ग के पुनर्निर्माण के लिए जल्द धनराशि आवंटित की जाए।

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