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नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर कितना पड़ा असर, आज आएंगे आंकड़े

नोटबंदी के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को भांपते हुये कई शोध संस्थानों ने चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्घि दर 7.1 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान व्यक्त किया है।

नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी सीएसओ आज मंगलवार को वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पादन) के अांकड़े जारी करेगा। इन अांकड़ों से नोटबंदी का असर सामने आ सकता है। सीएसओ मंगलवार को अक्टूबर- दिसंबर तिमाही के लिए जीडीपी के अांकड़े जारी करेगा। इसी दौरान नोटबंदी की वजह से बाजार ने नकदी की तंगी देखी थी।

सरकार ने 8 नवंबर, को 500 और 1,000 रुपए के नोट अचानक चलन से हटा दिए थे। नोटबंदी के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को भांपते हुये कई शोध संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की आर्थिक वृद्घि दर 7.1 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान व्यक्त किया है। हालांकि, सीएसओ ने छह जनवरी को जारी जीडीपी वृद्घि के अग्रिम अांकड़ों में वर्ष के दौरान 7.1 प्रतिशत वृद्घि रहने का अनुमान लगाया है।

सीएसओ के लिये चालू वित्त वर्ष पिछले सालों की तुलना में हटकर रहा है। हर साल सीएसओ जीडीपी वृद्घि के अग्रिम अांकड़ों फरवरी के पहले सााह में पेश करता रहा है लेकिन इस साल आम बजट पहली फरवरी को पेश किया गया इसलिये सीएसओ को अग्रिम अांकड़ों भी करीब एक महीना पहले जारी करने पड़े। जनवरी 2017 में जीडीपी वृद्घि के अग्रिम अांकड़े जारी करते हुये नोटबंदी के असर को इसमें शामिल नहीं किया गया था।

रिजर्व बैंक ने भी इस महीने की शुरुआत में जारी मौद्रिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्घि दर को घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया। हालांकि अगले वित्त वर्ष के लिये 7.4 प्रतिशत वृद्घि का अनुमान लगाया गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्घि का अनुमान घटाकर 6.6 प्रतिशत रखा है। उसने कहा कि नोटबंदी के कारण गतिविधियों में अस्थायी व्यावधान आने से जीडीपी वृद्घि की रफ्तार धीमी पड़ी है।

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