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नौकरी के लिए इंजीनियरों को देना होगा एंप्लॉयबिलिटी टेस्ट

नई दिल्ली : देश में इंजीनियरों की योग्यता के ऊपर पिछले कई वर्षों से सवालिया निशान लग रहे हैं। भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने इस समस्या का हल निकालने का प्रस्ताव किया है। तकनीकी शिक्षा परिषद का कहना है कि इंजीनियरिंग के छात्रों का एंप्लॉयबिलिटी टेस्ट कराया जाए। इस टेस्ट में छात्रों की योग्यता में जो कमी हो कालेज प्रबंधन 1 साल में उन कमियों को दूर कर उन्हें अपने प्रोफेशन के लिए तैयार होने में मदद करें। उल्लेखनीय है कि इंजीनियरिंग कॉलेजों से पास होने वाले लगभग 60 फ़ीसदी इंजीनियर हर साल बेरोजगार रहते हैं। तकनीकी शिक्षा परिषद का कहना है कि चौथे साल की शुरुआत से छात्र-छात्राओं का यह टेस्ट शुरु किया जाना चाहिए। हिंदी और अंग्रेजी भाषा में 70 मिनट के इस टेस्ट में उद्योग की जरूरत, कारण, अंग्रेजी भाषा, इंजीनियरिंग की वास्तविक जानकारी तथा व्यवहारिक योग्यता का परीक्षण किया जाएगा। इसके लिए तकनीकी शिक्षा परिषद ने लगभग 8 फर्मों के साथ करार कर लिया है।

 

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