अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्‍तान में गहराया रोटी का संकट, 47 रुपये किलो हुई आटे की कीमत

कराची। परमाणु युद्ध की धमकी दे रहे पाकिस्‍तान में रोटी का संकट गहराता जा रहा है। पाकिस्‍तान में गेहूं की कीमतें आसमान छूने लगी है। इसी महीने में इसकी कीमतों में तीसरी बार इजाफा हुआ है। मौजूदा वक्‍त में पाकिस्‍तान में सामान्‍य श्रेणी के आटे की कीमत 44.50 प्रति किलो जबकि सुपर फाइन और फाइन श्रेणी के आटे की कीमत 47.50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। नतीजतन एक पैकेट पावरोटी 40 से 80 रुपये में बिक रही है। यही नहीं वेबसाइट NUMBEO के मुताबिक, अच्‍छे किस्‍म के चावल की कीमत 130.47 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।

इमरान ने प्रांतीय अधिकारियों को दिए निर्देश
पाकिस्‍तानी अखबार डॉन के मुताबिक, इस साल अप्रैल के बाद से सामान्‍य श्रेणी के आटे की कीमतों में 11 रुपये प्रति किलो की दर से इजाफा हुआ है। देश में गहराती खाद्यान्‍न समस्‍या से पाकिस्‍तानी हुक्‍मरानों की नींद उड़ी हुई है। पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रांतीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे आटे की लगातार बढ़ रही कीमतों पर लगाम लगाने की कोशिशें तेज करें। रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने बकरीद के मौके पर कीमतों में तेज उछाल दर्ज किया गया था। इसके बाद दूसरी बार कीमतें बीते 22 अगस्‍त को बढ़ी थीं।

फ्लोर मिल मालिकों ने किया आगाह
पाकिस्‍तान की आटा मिलें 10 किलो के आटे के बैग की कीमत 450 रुपये वसूल रही हैं। पाकिस्‍तान फ्लोर मिल्‍स एसोसिएशन के सिंध जोन के अध्‍यक्ष मोहम्‍मद जावेद यूसुफ ने बताया कि देश में गेहूं की कीमतें 4,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई हैं। उन्‍होंने कहा कि मैं सरकार को गहराते खाद्यान्‍न संकट को लेकर आगाह करना चाहता हूं। सरकार गेहूं के पर्याप्‍त भंडार को बनाए रखने में नाकामयाब साबित हुई है। हालांकि, इससे उलट पाकिस्‍तानी हुक्‍मरान भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की धमकियां दे रहे हैं।

देश के संसाधनों को दीमक की तरह चाट गई सेना
आलम यह है कि पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के पास बिजली का बिल चुकाने के लिए पैसे नहीं है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्‍तान की सेना भारत का खौफ दिखाकर अपने देश के संसाधनों को दीमक की तरह से चाट रही है। पाकिस्‍तानी सेना ने हाल ही में एक मिसाइल का परीक्षण भी किया है। नतीजतन देश पर आर्थिक बोझ और बढ़ता ही जा रहा है। पाकिस्‍तान के पास मात्र 15 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पिछले 22 साल में पाकिस्‍तान 30 से ज्‍यादा बार आईएमएफ के पास कर्ज रूपी भीख मांगने जा चुका है।

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