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बजट सत्र पर विपक्ष का फॉर्मूला : पहले जेएनयू पर बहस, फिर जीएसटी और दूसरे बिल

एजेंसी/ opposition-parliament_650x400_71456195399 (1)नई दिल्ली: बजट सत्र को लेकर विपक्षी पार्टियों ने अपने तेवर कड़े करते हुए सरकार को साफ कर दिया है कि पहले वे जिन मुद्दों को उठाना चाहते हैं, उन पर चर्चा होगी, उसके बाद बिल पास होंगे। विपक्ष जेएनयू, रोहित वेमुला, हरियाणा में जाट आरक्षण को लेकर हिंसा और पठानकोट में हुए आतंकी हमले पर चर्चा चाहता है।

तीखे तेवर में नजर आईं लेफ्ट पार्टियां
बजट सत्र से पहले सोमवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सबसे तीखे तेवर में नजर आई लेफ्ट पार्टियां। लेफ्ट ने सरकार से मांग की कि वह सदन में वह पूरी वस्तुस्थिति साफ करे, जिसकी वजह से जेएनयू मामला इतना तूल पकड़ गया है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी पीछे नहीं रही। सरकार को सदन चलाने में सहयोग का भरोसा तो दिया, लेकिन पठानकोट हमले से लेकर अरुणाचल तक और जेएनयू से लेकर पटियाला हाउस में हुई मारपीट तक के मुद्दे पर सरकार को अपनी स्थिति साफ़ करने को कहा।

पिछले सत्रों में हंगामे के कारण नहीं हो पाया काम
संसद के पिछले मॉनसून और शीतकालीन सत्रों में विपक्ष के हंगामे की वजह से कामकाज नहीं हो पाया। विधायी काम ठप होने से परेशान सरकार इस बार विपक्ष पर भरोसा जताती दिख रही है। संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, मीटिंग के माहौल से मैं खुश हूं। कुछ पार्टियों ने कुछ मुद्दे उठाने की मांग की है। हम हर मुद्दे पर बहस को तैयार हैं।

कई अहम बिल होने हैं पास
जीएसटी बिल से लेकर रीयल स्टेट बिल तक, सरकार ने कई अहम बिलों को पास कराने का मंसूबा बना रखा रखा है। लेकिन विपक्ष जीएसटी जैसे बिल पर अपने संशोधनों की मांग पर अब भी अड़ा है। विपक्ष से मिले भरोसे के बूते सरकार सदन का काम काज सुचारू रूप से चलने की उम्मीद जता रही है। लेकिन उसे भी पता है कि विपक्षी दलों का भरोसा शर्तों के साथ है। सदन में अपनी आवाज़ न सुनी जाने का आरोप लगा कर विपक्ष कभी भी हंगामा खड़ा कर सकती है।

 

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