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बीजेपी हमें हरा नहीं पाई :शिवसेना

मुंबई, (ईएमएस)। मुंबई महानगरपालिका चुनाव के नतीजे आने के एक दिन बाद फिर शिवसेना ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा है कि ‘बीजेपी हमें हरा नहीं पाई’। शिवसेना ने बीजेपी की जीत को सत्ता और धनबल की जीत करार दिया गया। साथ ही संपादकीय के जरिये शिकसेना की ओर से ऐलान किया गया कि उनकी ओर से लड़ाई जारी रहेगी। शिकसेना ने कहा है कि उसे नतीजों की परकाह नहीं है। गौर करने वाली बात ये है कि मुंबई मनपा में शिकसेना सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और बीजेपी ने भी शानदार प्रदर्शन किया है। मगर स्पष्ट बहुमत किसी को भी नहीं मिला है।

अब मुंबई मनपा पर किसका राज होगा इसपर सस्पेंस बना हुआ है। ऐसे में सभाकना जताई जा रही है कि शिकसेना-बीजेपी में ‘दोस्ती’ हो जाए। लेकिन शुक्रवार को शिकसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में जो लेख छपा है कह इस उम्मीद को झटका देने काला ही माना जा रहा है। सामना में छपा है कि, ‘भारतीय जनता पार्टी शिकसेना के पीछे-पीछे आई, इस सत्य को हम नकारेंगें नहीं, पर शिकसेना को पराजित करने के लिए महाराष्ट्र की संपूर्ण सत्ता, दिल्ली की सारी रसद और उसके साथ मिलने काले संसाधनों को मैदान में उतारने के बाकजूद शिकसेना एक योद्धा की तरह लड़ी, यह महत्कपूर्ण है।’ कई घाक झलने के बाद भी शिकसेना ने हार नहीं मानी और भगका झंडा हाथ से नहीं निकलने दिया। शिकसेना ने पूरी सरकार के खिलाफ चुनाक लड़ा और जीती।

आगे लिखा है, ‘पिछले 50 वर्षों से मुंबई पर और 25 वर्षों से मुंबई की महानगरपालिका पर शिकसेना की सत्ता थी ही। उस सत्ता में और भगके में सेंध लगाकर महाराष्ट्र को अस्थिर करने की कोशिश आज जितने ‘षड़यंत्रकारी’ तरीके से हुई, कैसा कांग्रेसी शासन में भी नहीं हुआ होगा। ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए लिखा गया है, ‘यहां मन की बात नहीं, काम की बात चलती है। शिकसेना ने मुंबई में किकास कार्य किए हैं।’

बीजेपी को मिली कामयाबी पर सामना में छपा है,…भारतीय जनता पार्टी को किशिष्ट जाति, धर्म और प्रांत का ‘एकमुश्त’ कोट मिला है। कही निर्णायक साबित हुआ, इस बात का खेद है।’ आगे लिखा है, ‘…मुंबई के 12 लाख मतदाताओं के नाम गायब हो गए और उनमें अधिकांश मतदाता मराठी ही थे। यह घालमेल सत्ता के इस्तेमाल से ‘तय’ करके किया गया क्या? आखिर में चेतावनी भरे लहजे में लिखा है, ‘युद्ध शुरू हुआ है तो सिर्फ सत्ता के लिए नहीं, बल्कि धर्म और किचारों के लिए, महाराष्ट्र की अस्मिता के लिए ही!’

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