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बड़ी खुशखबरी: अब विदेशी पर्यटकों को हवाईअड्डे पर मिलेगा रिफंड, नहीं जाना पड़ेगा कस्टम कार्यालय

भारत आने वाले विदेशी सैलानी जल्द ही वापसी में हवाईअड्डे पर जीएसटी रिफंड का दावा कर सकेंगे। राजस्व विभाग विदेशी सैलानियों द्वारा भारत में की गई खरीदारी के दौरान भुगतान किए गए करों के लिए उन्हें रिफंड देने की प्रणाली बनाने पर काम कर रहा है। एक अधिकारी ने कहा कि प्रणाली लागू होने के बाद शुरू में सिर्फ बड़े रिटेलरों से की गई खरीदारी ही विदेशी सैलानियों की वापसी के समय हवाईअड्डे पर रिफंड के योग्य होगी। जीएसटी कानून में इसका प्रावधान है, लेकिन अभी इसे लागू नहीं किया गया है।

बड़ी खुशखबरी: अब विदेशी पर्यटकों को हवाईअड्डे पर मिलेगा रिफंड, नहीं जाना पड़ेगा कस्टम कार्यालयकई देशों में विदेशी पर्यटकों द्वारा एक सीमा से अधिक खरीदारी करने पर वैट या जीएसटी का रिफंड कर दिया जाता है। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि बिना राजकोषीय खर्च बढ़ाए विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने का यह बेहतरीन तरीका है।

नहीं लगाने पड़ेंगे कस्टम ऑफिस के चक्कर
निर्यात की जा चुकी वस्तु एवं सेवाओं पर आईजीएसटी रिफंड की बाट जोह रहे निर्यातकों केलिए अच्छी खबर है कि उन्हें अटके रिफंड प्राप्त करने के लिए कस्टम कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है। वह सिर्फ ईमेल से भी जानकारी भेज देंगे तो उस पर कार्रवाई होगी और उनका रिफंड जारी कर दिया जाएगा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने इसके लिए जरूरी व्यवस्था कर दी है।

दो कारणों से अटके पड़े हैं रिफंड
दिल्ली में सीमा शुल्क विभाग के मुख्य आयुक्त सुनील कुमार साहनी ने अमर उजाला को बताया कि इस समय मुख्यत: दो कारणों से निर्यातकों के रिफंड अटके हैं। पहला कि उन्होंने जीएसटीएन पोर्टल पर जो इनवायस नंबर का डिटेल अपलोड किया है, उसमें कुछ गड़बड़ी हो गई है। दूसरी गड़बड़ी निर्यातकों द्वारा बैंक अकाउंट डिटेल देने में हुई है। इसलिए उनका रिफंड अटक गया है।
14 जून तक मनाया जा रहा है रिफंड पखवाड़ा

उनका कहना है कि जिस निर्यातक का रिफंड अटका है, वह अविलंब संबंधित कस्टम कार्यालय से संपर्क करें। इस समय देशभर में रिफंड पखवाड़ा मनाया जा रहा है और इसके तहत आगामी 14 जून तक सुबह से देर शाम तक काम हो रहा है। वे आकर सही जानकारी दे कर रिफंड रिलीज करवाएं। यदि निर्यातक खुद नहीं आ सकते तो ईमेल के जरिये ही इनवायस नंबर या बैंक खाते के बारे में जानकारी भेज दें। इसके बाद विभागीय अधिकारी उनकी जानकारी ठीक कर देंगे और उनका रिफंड अपने आप जारी हो जाएगा।

दूर के शहरों को निर्यातकों को होगी आसानी
ईमेल से जानकारी भेजना उनकेलिए मुफीद होगा जो दूर के शहरों से निर्यात करते हैं। उदाहरण केलिए वाराणसी केपास भदोही से कालीन निर्यात करने वाले अपना कंटेनर दिल्ली के तुगलकाबाद कंटेनर डिपो से कस्टम क्लियरेंस करा कर जेएनपीटी, मुंबई से निर्यात कर रहे हैं। ऐसे कारोबारी को दिल्ली में अद्यतन सूचना देनी होगी। ईमेल से सूचना देने का प्रावधान होने से उन्हें दिल्ली का चक्कर लगाने से मुक्ति मिल जाएगी।

सिस्टम में मानवीय हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं
उन्होंने बताया कि जीएसटी में सिस्टम इस तरह बनाया गया है कि उसमें मानवीय हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। इसलिए सिस्टम अपने आप रिफंड जारी करता है। जिन मामलों में दी गई जानकारी में मिसमैच हो जाता है, उसमें रिफंड अपने आप जारी नहीं होता है।

एक विशेष अधिकारी को तैनात किया गया है
सूचना केमिसमैच की वजह से जिन निर्यातकों का रिफंड अटका है, उसे मैनुअली ठीक किया जा रहा है। इसके लिए सीबीआईसी ने देशभर के कस्टम कार्यालय में एक विशेष अधिकारी को तैनात किया है जो मैनुअली जानकारी फीड कर रहे हैं। इसेक लिए ऑनलाइन सिस्टम में एक विशेष यूटिलिटी अपलोड किया गया है।

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