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भारत की विशेषता दर्शाता है ज्योतिष : रामनाईक

कानपुर : ज्योतिष विद्या एक महत्वपूर्ण शास्त्र है, यह दुनिया की संस्कृति के इतिहास में भारत की विशेषता के दर्शन कराता है। वर्तमान युग, विज्ञान पर विश्वास रखता है, ऐसे में श्रद्धा और अंध श्रद्धा के अंतर शास्त्र सम्मत तर्क के आधार पर होना चाहिए,जिससे कि इसकी शिक्षा को समझा जा सके। यह बात राज्यपाल रामनाईक ने अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन के दीक्षांत समारोह के दौरान कहीं।
सिविल लाइंस स्थित रागेंद्र स्वरूप आडिटोरियम में नेशनल काउंसिल आॅफ एस्ट्रोलाॅजिकल साइंसेज के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल राम नाईक ज्योतिष विद्या के महत्व को बताते नजर आए। उन्होंने कहा कि वह ज्योतिष को एक शास्त्र के रूप में मानते हैं। यह दुनिया को भारतीय संस्कृति की देन है। इसके साथ ही राज्यपाल ने कहा कि,पाखंड नहीं बल्कि शास्त्र की जानकारी लेकर अपने हिसाब से काम करना चाहिए। ज्योतिष के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि आज विभिन्न खोज करने के लिए उपकरण हैं, लेकिन बारहमिहिर और आर्यभट्ट के समय यह उपकरण नहीं हुआ करते थे। कोपरनिगस ने सूर्य कैसा है, यह कैसे काम करता है, इसकी खोज की लेकिन इसके सैकड़ों वर्श पूर्व ही भारतीयों ने पंचांग की खोज की। पंचांग के हिसाब से यह शास्त्र पर्यावरण के साथ नजदीक संबंध रखता है। इस विज्ञान के लिए सभी भारतीयों को गौरवांवित होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने ज्योतिष की विद्या प्राप्त करने वालों को भी सीख दी। उन्होंने कहा कि,वह इस बात पर शोध करें कि, हजारों वर्षों की जो परंपरा विज्ञान के आधार पर है, उसको और आगे कैसे ले जाया जा सकता है। इस विद्या को वर्तमान युग की वैज्ञानिक सोच के विश्वास के साथ भी तालमेल करने को जरूरी बताया। इस दौरान उन्होंने ज्योतिष की शिक्षा में स्वर्ण पदक और रजत पदक पाने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किये। इस दौरान काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एबी शुक्ल, राष्ट्रीय सचिव वी गोपाल कृष्णन, भोलानाथ शुक्ल,नीरज जोशी समेत कई लोग मौजूद रहे।

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