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भिक्षुओं के मोटापे से परेशान सरकार, मेहनत करने को कहा

 थाइलैंड सरकार अपने बौद्ध भिक्षुओं के मोटापे को लेकर चिंतित हो रहा है। यह समस्या इतनी बढ़ गई है, कि देशभर में चेतावनी जारी करनी पड़ी है। कहा गया है,कि भक्त भिक्षुओं को ऐसा भोजन न दें जो सेहत को नुकसान पहुंचाता हो। इतना ही नहीं सरकार की स्वायत्त संस्था थाइ हेल्थ प्रमोशन फाउंडेशन भिक्षुओं की सेहत सुधारने के काम में लग गई है। सरकार ने इसके लिए फूड एंड न्यूट्रिशन के प्रफेसर “जोंगजिट” को काम पर लगाया गया है।

उनका मुख्य उद्देशय भिक्षुओं की सेहत में सुधार लाना है। इसके लिए शिक्षा और फिजिकल फिटनेस का सहारा लिया जाएगा। इतना ही नहीं भक्तों के लिए रेसिपी बुक भी जारी की जाएंगी, जिसकी मदद से वे भिक्षुओं के लिए कम लागत में हेल्थी चीजें बना सकते हैं। जबकि सरकार की यह चिंता काफी लंबे समय से चली आ रही है। एक सर्वे के मुताबिक, आधे से ज्यादा बौद्ध भिक्षु मोटापे से परेशान हैं। इनमें से 40 प्रतिशत का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है, 25 प्रतिशत को हाइ ब्लड प्रेशर है, और 10 प्रतिशत डायबटीज से पीड़ित हैं। हालांकि, भिक्षुओं के साथ-साथ वहां के लोगों का मोटापा भी काफी बढ़ रहा है। एशिया में मलयेशिया के बाद थाइलैंड के लोगों में मोटापे की समस्या सबसे ज्यादा है। वहीं इससे पहले जून में पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी थी, कि वे बौद्ध भिक्षुओं को दी जाने वाली भिक्षा में हेल्थी चीजें ही दें। इतना ही नहीं डिपार्टमेंट के डेप्युटी जनरल ऐपरॉन बजपोलपतिक ने भिक्षुओं को शारीरिक गतिविधियां बढ़ाने की सलाह दी थी। उनसे कहा गया था, कि प्रार्थना की अवस्था मे बैठे रहने के साथ-साथ उन्हें मंदिरों को साफ-सफाई करनी चाहिए। भिक्षुओं की हेल्थ सुधारने में लगे प्रफेसर जोंगजिट का मानना है, कि भिक्षुओं का मोटापा बढ़ना टिक-टिक करते बम की तरह है।

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