अद्धयात्म

भूलकर भी ना पकडें लड़कियों के बाल, नहीं तो हो जाएगा महा विनाश

समय के साथ साथ फैशन भी बदल रहा है. ऐसे में लड़कियों ने बाल खुले रखने का नया ट्रेंड बना लिया है. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि खुले बालों वाली लड़कियां दिखने में बहुत क्यूट लगती हैं. मगर आपको ये जानकर हैरानी होगी कि हिन्दू धर्म के शास्त्रों में लड़कियों एवं महिलायों को खुले बाल रखने से साफ़ तौर पर वर्जित किया गया है. इसके इलावा इन शास्त्रों में लिखा गया है कि किसी भी इंसान को भूल से भी लड़कियों के बाल नहीं पकड़ने चाहिए ऐसा करने से उस घर के वंश का नाश हो सकता है.भूलकर भी ना पकडें लड़कियों के बाल, नहीं तो हो जाएगा महा विनाश

हिन्दू धर्म के शास्त्रों के अनुसार हर औरत की खूबसूरती में उसके बाल, सोने पर सुहागे वाला काम करते हैं. इसलिए जो बाल औरत की ख़ूबसूरती को चार चाँद लगाते हैं, उन्हें दण्डित करने का हमारा कोई हक नहीं बनता. इसके इलावा औरतों को उनके बाल हमेशा बाँध कर रखने चाहिए. आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर ऐसी कौन सी वजह है जिसके कारण औरत के खुले बालों को और उन बालों को पकड़ने से मना किया गया है.

दरअसल, पुराने समय की औरतें बाल उस समय खुले रखती थी, जब उनके घर में किसी की मृत्यु या किसी चीज़ का शोक चलता था. भगवान राम के समय की अगर बात की जाए तो, जब वह सीता को ब्याह कर लाये थे तो राम की माँ ने उन्हें बाल बाँध कर रखने की सलाह दी थी और कहा था कि वह भूल से भी बाल खुले ना छोड़े. क्यूंकि बंधे हुए बाल रिश्तों को भी एक डोरी में बाँध कर रखते हैं. ऐसे में अगर कोई स्त्री चाहे तो अकेले में अपने पति के सामने बाल खोल सकती है.

खुले बाल नेगेटिविटी का प्रतीक है साथ ही जिस घर की महिलाएं बाल खुले रखती हैं, उस घर में हमेशा कलेश का माहोल बना रहता है. आज के जमाने की औरतें इन बातों में विश्वास नहीं रखती मगर पुराने समय की औरतें अक्सर बाल बांध कर ही रखती थी. शास्त्रों के अनुसार जो महिलाएं रात को अपने बाल खुले रख कर सोती हैं, उनपर बुरी शक्तियाँ अधिक प्रभावी होती हैं. ऐसे में उन स्श्क्तियों से दूर रहने के लिए महिलायों को बाल बाँध कर ही सोना चाहिए.

इसके इलावा शास्त्रों की माने तो किसी भी व्यक्ति को औरत की बाल नहीं पकड़ने चाहिए. ऐसा करना महा पा माना जाता है जिसके नतीजे में उस शक्स का वंश कभी आगे नहीं बढ़ पाता. ये केवल एक कथन नही बल्कि इस बात के कईं प्रमाण भी हैं. बात रावण की करें तो जब वह माता सीता का अपहरण करके उन्हें पुष्पक विमान में लेजा रहा था तो उसने सीता जी के बाल पकड़ रखे थे. इसका नतीजा ये हुआ कि रावण के साथ साथ उसके पूरे वंश का भी नाश हो गया.

महाभारत के समय भी दुर्योधन ने द्रोपदी के बाल पकड़े थे जिसका खामियाजा पूरे कौरव वंश को भुगतना पड़ा था. इन सब के इलावा कृष्ण भगवान के मामा कंस का अंत भी बाल पकड़ने के कारण हुआ था. कंस ने देवकी की संतान के बाल पकड़ कर उसकी हत्या की थी. ज्सिके बाद उसका वंश कभी आगे नहीं बढ़ पाया. इसलिए इन प्रमाणों से सिद्ध होता है कि स्त्री के बाल पकड़ना महा विनाश को बुलावा देना है.

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