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मॉरिशस में विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को दी गई श्रद्धांजलि

मॉरिशस के पोर्ट लुईस में विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। इस मौके पर यहां प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मौजूदगी में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गई। शुक्रवार को वाजपेयी के पार्थिव शरीर को स्मृति स्थल में पंचतत्व में विलीन कर दिया गया था। उन्हें बेटी नमिता कौल ने मुखाग्नि दी थी। प्रधानमंत्री मोदी सहित पक्ष और विप के कई बड़े नेता उनकी अतंमि विदाई में शामिल हुए थे।

सम्मेलन में बोलते हुए स्वराज ने कहा, अलग अलग देशों में लुप्त हो रही हिन्दी को बचाने की जिम्मेदारी भारत ले ली है। प्रधानमंत्री जगन्नाथ ने भारत के सहयोग से बने साइबर टावर को अब अटल बिहारी वाजपेयी टावर नाम देने की घोषणा की है। शुक्रवार को मॉरिशस ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अपने राष्ट्रीय झंडे और तिंरगे को आधा झुका दिया था। प्रधानमंत्री जगन्नाथ ने कहा, ‘वाजपेयी जी के निधन पर सरकार ने यह फैसला लिया है कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक हमारा और भारतीय झंडा आधा झुका रहेगा। निजी क्षेत्र से भी यह अपील की गई है कि वह इस दौरान झंडों को आधा झुका लें।’

बता दें कि गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में वाजपेयी का 94 साल की उम्र में निधन हो गया था। मॉरिशस की बात करें तो यहां कि 1.3 मिलियन की जनसंख्या भारतवंशी है। उन्हें इस द्वीप पर 19 और 20 शताब्दी में बंधुआ मजदूर बनाकर अंग्रेज लेकर आए थे। उनसे यहां गन्ने की खेती करवाई जाती थी। पीएम मोदी को सांत्वना संदेश देते हुए जगन्नाथ ने कहा था कि वाजपेयी ने अपने कड़े फैसलों और आम आदमी के प्रति गहरी सहानुभूति के जरिए भारत की किस्मत को गढ़ा था। 

वाजपेयी के योगदान को याद करते हुए प्रविंद ने कहा, ‘आज भारत उन्नति और विकास के जिस वैश्विक स्तर पर प्रकाशमान है, उसमें हम वाजपेयी के योगदान को भूल नहीं सकते हैं। उनका नेतृत्व दृढ़ संकल्प, गंभीरता, निष्पक्षता और न्याय वाला था। हमें मार्च 2000 को राष्ट्रीय दिवस समारोह के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर उनका स्वागत करने का गौरव मिला था। हम उस शख्स के जाने से बेहद दुखी हैं जो ना केवल भारत के लिए बल्कि मॉरिशस के लिए भी खड़े रहे।’

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