ज्ञान भंडार

यहां देवी को प्रसन्‍न करने के लिए चढ़ाते हैं हथकड़ी और बेड़ि‍यां

prison_04_10_2016प्रतापगढ़। देवी मां को प्रसन्‍न करने के लिए लोग श्रद्धा से तरह तरह की भेंट चढ़ाते हैं। नवरात्र के दौरान सिंदूर, बिंदी, वस्‍त्र आदि मां को भेंट किया जाता है लेकिन आपको जानकर आश्‍चर्य होगा कि राजस्‍थान में एक ऐसा मंदिर है जहां देवी को हथकड़ी और बेड़ि‍यां चढ़ाई जाती है।

राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के जोलर ग्राम पंचायत में दिवाक माता का प्राचीन मंदिर है जहां हथकड़ी और बेड़ि‍यां चढ़ाने की एक खास मान्‍यता है। देवलिया के पास घने जंगल में एक ऊंची पहाड़ी पर बने इस मंदिर तक पैदल ही पहुंचा जा सकता है।

दिवाक माता के दर्शन के लिये श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं जो देवी को प्रसन्न करने के लिए हथकड़ी और बेड़ियां चढ़ाते हैं। मंदिर के प्रांगण में गड़े 200 साल पुराने त्रिशूल में कई हथकड़ी चढ़ाई गई हैं।

यह मान्‍यता है कि एक समय जब मालवा के इस जंगलों में डाकुओं का राज था। डाकू यहां मन्नत लेते थे कि अगर वे डाका डालने में सफल रहे और पुलिस के चंगुल से बच गए, तो वे यहां हथकड़ी और बेड़ियां चढ़ाएंगे।

इस परंपरा के पीछे भी एक कहानी है। लोगों के अनुसार एक नामी डाकू पृथ्वीराणा ने जेल में दिवाक माता की मन्नत ली थी कि अगर वह जेल तोड़कर भागने में सफल रहा, तो वह सीधा यहां दर्शन करने के लिए आएगा। दिवाक माता के स्मरण मात्र से ही उसकी बेड़ियां टूट गई और वह जेल से भाग जाने में सफल रहा। अपने परिवार के सदस्‍य या किसी रिश्‍तेदार को जेल से छुड़ाने के लिए यहां हथकड़ी और बेड़ियां चढ़ाई जाती है।

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