उत्तर प्रदेशराष्ट्रीयलखनऊ

यूपी में दिखी दुनिया की सबसे बड़ी उड़नतश्‍तरी

17-169x300गोरखपुर। यूपी में एक बार फिर उड़नतश्‍तरी दिखी है। गोरखपुर जिले में दोपहर बाद ढाई बजे लोगों को आसमान में उड़नतश्‍तरी की विशाल आकृ‍ति दिखी। यह फिल्‍मों में दिखने वाली उड़नतश्‍तरी जैसी ही लग रही थी।

इस नजारे को देख आसपास के लोग घबरा गए और सारा सामान छोड़कर भाग निकले। कुछ लड़कों ने इस सीन को कैमरे में कैद कर लिया। यह तस्‍वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। इससे पहले लखनऊ और कानपुर में भी उड़नतश्‍तरी देखने के दावे सामने आए हैं।

यह मामला उन मामलों से काफी अलग है। इस बार उड़नतश्‍तरी का विशालकाय रूप दिखा है। संभवत: पहली बार किसी ने इतनी बड़ी उड़नतश्‍तरी देखी है। कानपुर और लखनऊ में देखी गईं उड़नतश्‍तरी काफी दूर होने के कारण दिखने में छोटी थीं। हालांकि लखनऊ में देखी गई उड़नतश्‍तरी की वैज्ञानिकों ने भी पुष्टि की थी।

हालांकि गोरखपुर के मामले में अभी यह पु‍ष्‍ट नहीं हो सका है कि यह वाकई में उड़नतश्‍तरी या यूएफओ है या नहीं। वहीं, इस नजारे को कैमरे में कैद करने वाले गोरखपुर के रिंकू ने बताया, ‘मैं खंभे से भिड़ी ट्रैक्‍टर ट्राली की फोटो खींच रहा है। तभी अचानक आसमान पर नजर गई और बहुत बड़ी उड़नतश्‍तरी दिखाई दी। थोड़ी ही देर बाद यह गायब भी हो गई।’

भारत में दिखी उड़नतश्‍तरी

  1. इसी साल 25 जून को कानपुर के श्यामनगर निवासी संतोष गुप्ता के बेटे ने मोबाइल से उड़नतश्‍तरी की तस्वीरें क्लिक कीं।
  2. 11 जुलाई 2014 गोवाहाटी, में देखा गया।
  3. 14 जुलाई 2014 को टूंडला में देखा गया। (वैज्ञानिकों ने प्रथम दृष्टया पुष्टि की)
  4. 14 जुलाई 2014 को बोकारा स्टील झारखंड में देखा गया। (वैज्ञानिकों ने प्रथम दृष्टया पुष्टि की)
  5. 19 जुलाई 2014 को शामली में यूएफओ देखे जाने की सूचना खगोल वैज्ञानिकों को मिली थी।
  6. 25 फरवरी 2014 को भारत-पाकिस्तान सीमा पर कथित यूएफओ दिखने के दावे के बाद सुखोई-30 विमान को इसकी खोज में भेजा गया।
  7. 19 अगस्‍त 2013 को लद्दाख में भारतीय सेना के जवानों ने लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल के पास आसमान पर उड़ती हुई कोई चीज देखी। लद्दाख के देमचोक में लगान खेल इलाके में जवानों ने इसे देखा और यूएफओ (अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट) बताया।
  8. 4 अगस्‍त 2013 को भी लद्दाख में यूएफओ को देखने का मामला सामने आया था।
  9. 24 अगस्त 2008 को यूपी के बिजनौर में यूएफओ देखे जाने की खबर आई थी।

लखनऊ में दिखी उड़नतश्‍तरी असली थी

24 जुलाई 2014 को लखनऊ के राजाजीपुरम ई ब्लॉक सेक्टर-11 निवासी अमित त्रिपाठी ने एक अजीब रोशनी वाला गोला आसमान में देखा था। उस समय वह अपनी बालकनी में बैठा मोबाइल से सनसेट की तस्वीर खींच रहा था। तभी उसे सूरज के बगल में एक रोशनी का गोला दिखाई पड़ा। देखते ही देखते वह गोला तेजी से आसमान में घूमने लगा। अमित ने बिना देरी किए उस अजीब रोशनी वाली चीज की तस्वीर अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर ली। करीब 40 सेकंड में वह गोला तेजी से ऊपर उठा और गायब हो गया था। यह बात जब खगोलशास्त्रियों को पता चली तो हड़कंप मच गया था। तत्काल उन्होंने उस तस्वीर की जांच की थी और प्रथमदृष्टया उसे एक उड़नतश्तरी (यूएफओ) बताया था।

जब महिला पायलट ने देखा यूएफओ

4 अक्‍तूबर 2014 को जेट एयरवेज की चेन्नई बेस्ड प्‍लेन की पायलट महिमा चौधरी ने दावा किया है कि उन्हें 26,300 फीट की ऊंचाई पर एक यूएफओ दिखाई दिया। ये उड़नतश्तरी उन्हें उस वक्त दिखाई दी जब वे पुणे से अहमदाबाद के लिए फ्लाइट 2491 को उड़ा रही थीं। उन्होंने इसके बारे में मुंबई एयर ट्रैफिक कंट्रोल को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वो 26 हजार तीन सौ फीट की ऊंचाई पर और 310 डिग्री पर हैं। जिस जगह के बारे में महिमा ने बताया वह जगह पुणे से करीब 68 नॉटिकल मील दूर स्थित है। महिमा के मुताबिक यूएफओ हरे और सफेद रंग का था।

विदेश में भी दिखे यूएफओ

  1. 24 जून 1947 को अमेरिकी बिजनेसमैन केनेथ अर्नाल्ड ने नौ चमकीले यूएफओ देखने का दावा किया है।
  2. 1947 में ही प्रोजेक्ट ब्लू बुक के तहत यूएफओ की स्टडी आरंभ हुई।
  3. जुलाई और सितंबर 2010 में चीन में एयरपोर्ट के पास कथित यूएफओ दिखने के बाद एयरपोर्ट कई घंटों तक बंद रहा।
  4. 5 अगस्त 2012 को मंगल ग्रह पर गए क्यूरियोसिटी रोवर से मिली तस्वीरों में दूसरे ग्रह के लोगों की मौजूदगी का दावा किया गया।
  5. 6 अगस्‍त 2015 काे अमेरिका में एक वर्जिन एटलांटिक प्लेन के ऊपर से उड़नतश्तरी यानी यूएफओ देखे जाने का वीडियो वायरल हुआ। न्यूयॉर्क में जेएफके इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर वीडियो में पैसेंजर प्लेन के साथ यूएफओ देखे जाने का दावा किया गया है। प्लेन के ऊपर उड़ने वाले ऑब्जेक्ट की स्पीड इतनी तेज थी कि वह पलभर में प्लेन से आगे निकलकर गायब हो गया। वीडियो सात जुलाई का है।

क्या है यूएफओ
उड़नतश्तरी आकाश में उड़ती किसी अज्ञात वस्तु (यूएफओ (UFO)) को कहा जाता है। इन अज्ञात उड़ती वस्तुओं का आकार किसी डिस्क या तश्तरी के समान होता है या ऐसा दिखाई देता है, जिस कारण इन्हें उड़नतश्तरियों का नाम मिला। कई चश्मदीद गवाहों के अनुसार, इन अज्ञात उड़ती वस्तुओं के बाहरी आवरण पर तेज प्रकाश होता है और ये या तो अकेले घूमते हैं या एक प्रकार से लयबद्ध होकर और इनमें बहुत गतिशीलता होती है। ये उड़न तश्तरियां छोटे से लेकर बहुत विशाल आकार तक हो सकती हैं।

यूएफओ मानने के कारण
जुलाई, अगस्त के मौसम में पृथ्वी उल्का पिंडों के नजदीक से निकलती है, लेकिन ये आसमान में टूटते तारे जैसे दिखते हैं। लगातार बने रोशनी के गोले जैसे नहीं।

हॉलीवुड की फिल्मों में यूएफओ का ट्रेंड

  1. ब्रूस जेंट्री (1949) की फिल्म में पहली बार यूएफओ दिखाया गया।
  2. द फ्लाइंग सॉसर (1950) यूएफओ पर केंद्रित पहली फिल्म है।
  3. द डे द अर्थ स्टूड स्टिल (1951) में यूएफओ और दूसरे ग्रह से आए प्राणियों की स्टोरी बताई गई है।
  4. क्लोज एनकाउंटर्स ऑफ द थर्ड काइंड (1977) यूएफओ और एलियंस से एनकाउंटर की स्टोरी।
  5. इटी: द एक्स्ट्रा टेरेस्टियल (1982), एक छोटे बच्चे की कहानी है, जो यूएफओ देख लेता है। बॉलीवुड फिल्म ‘कोई मिल गया’ इसी का रीमेक थी।
  6. इंडिपेंडेंस डे (1996) एक यूएफओ के पृथ्वी पर आने की कहानी है।
 

 

Related Articles

Back to top button