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ये हैं बंपर रिटर्न देने वाले स्टॉक्स

do-research-before-investmentएजेंसी/ फाइनैंशल इयर 2015-16 का रिजल्ट सीजन खत्म हो गया है। रिजल्ट के हिसाब से ऐनालिस्ट आने वाले फिस्कल इयर के लिए कंपनियों की प्रॉफिट ग्रोथ के अनुमान बदल रहे हैं। सर्वसम्मति वाले अनुमान के मुताबिक, 2016-17 में इंडिया इंक का मुनाफा 12 पर्सेंट और 2017-18 में 18 पर्सेंट बढ़ना चाहिए। क्या ये अनुमान आपको चौंकाने वाले लग रहे हैं? सच तो यह है कि 2016-17 का अनुमान कंजरवेटिव है। प्रॉफिट ग्रोथ को लेकर ऐनालिस्टों की उम्मीद की कई वजहें हैं। इसमें से पहली बेस इफेक्ट यानी पिछले फाइनैंशल इयर में कम प्रॉफिट ग्रोथ है।
2015-16 में इंडिया इंक की प्रॉफिट ग्रोथ अच्छी नहीं रही, इसलिए 2016-17 में इसके बढ़िया रहने की उम्मीद है। दूसरी वजह, इस साल मॉनसून सीजन में बारिश सामान्य से अधिक होने की भविष्यवाणी की गई है। ऐनालिस्टों के पॉजिटिव आउटलुक की यह एक बड़ी वजह है। इसके साथ, नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ रेट में भी सुधार होने जा रहा है। इस बारे में आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरेंस के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर अनीष श्रीवास्तव ने बताया, ‘2015-16 में नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ 8.7 पर्सेंट रही, जिसके 2016-17 में बढ़कर 11 पर्सेंट पहुंचने की उम्मीद है। जब भी इस तरह का टर्नअराउंड होता है, कंपनियों के मुनाफे में तेज बढ़ोतरी होती है।’

इसलिए ऐनालिस्ट कई स्टॉक्स से शानदार रिटर्न की उम्मीद कर रहे हैं। एयूएम कैपिटल के रिसर्च हेड राजेश अग्रवाल ने बताया, ‘मार्च 2016 क्वॉर्टर के रिजल्ट को देखकर लगता है कि डाउनग्रेड का सीजन खत्म हो गया है।’ अगर मॉनसूनी बारिश सामान्य से अधिक रहती है और संसद के मॉनसून सत्र में जीएसटी बिल पास हो जाता है तो अपग्रेड सीजन शुरू हो सकता है। हमने कुछ सेक्टर्स और स्टॉक्स की पहचान की है, जिन्हें अपग्रेड किया जा सकता है। इन्वेस्टर्स को इनसे सामान्य से अधिक रिटर्न मिलेगा। बाजार के चैंपियंस श्रीवास्तव ने बताया, ‘कंजंप्शन रिलेटेड सेक्टर्स में अर्निंग अपग्रेड की गुंजाइश है।’ कोलगेट पामोलिव उन शेयरों में शामिल है, जिसे हाइएस्ट अपग्रेड रेटिंग मिली है
एफएमसीजी सेक्टर के दूसरे स्टॉक्स को भी अच्छे मॉनसून से फायदा होने की संभावना है। बारिश अच्छी होती है तो रूरल डिमांड और रूरल इनकम में बढ़ोतरी होगी। इससे ऑटो स्टॉक्स में तेजी आ सकती है। नॉन-बैंकिंग फाइनैंशल सर्विसेज कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए अर्निंग अपग्रेड हुए हैं। वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक लाइसेंस का ‘ऑन टैप’ सिस्टम शुरू किया है। इसमें कभी भी बैंक लाइसेंस लिया जा सकता है। एनबीएफसी के लिए यह भी अच्छी खबर है। कई एनबीएफसी अब बैंक लाइसेंस लेना चाहेंगी। अग्रवाल ने कहा, ‘पिछली बार कई नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनियों ने बैंक लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था, लेकिन तब उन्हें लाइसेंस नहीं मिला था। अब लाइसेंस में कई एनबीएफसी की दिलचस्पी हो सकती है।’
एमएंडएम फाइनैंशल सर्विसेज बैंक लाइसेंस लेना चाहती है। अगर इस कंपनी को लाइसेंस मिलता है तो स्टॉक में अच्छी तेजी आएगी। टॉप 10 रेटिंग्स अपग्रेड लिस्ट में कोटक महिंद्रा बैंक ने भी जगह बनाई है। बैंक रिटेल कन्जयूमर्स पर फोकस करता है। वहीं, सरकारी बैंक इस लिस्ट में सबसे नीचे हैं। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन बैंकों की रेटिंग जरूरत से ज्यादा ही घटाई जा चुकी है। सुशील फाइनैंस में इंस्टिट्यूशनल रिसर्च के वाइस प्रेजिडेंट कार्तिक मेहता ने कहा, ‘सरकारी बैंकों से बहुत उम्मीद नहीं है। इसलिए वे पॉजिटिव सरप्राइज दे सकते हैं।’ सीमेंट और स्टील सेक्टर का भी परफॉर्मेंस बढ़िया रहने की उम्मीद की जा रही है। जिंदल स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील और एसीसी उन कंपनियों में शामिल हैं, जो हाइएस्ट रेटिंग अपग्रेड वाली लिस्ट में शामिल हैं।

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