अन्तर्राष्ट्रीयफीचर्ड

रोहिंग्या हिंदू शरणार्थियों की बदली चाह, लौटना चाहते हैं म्यांमार

बांग्लादेश में शरण लेने वाले रोहिंग्या हिंदू शरणार्थी म्यांमार लौटना चाहते हैं, लेकिन बांग्लादेश के अधिकारी उन्हें इसकी इजाजत नहीं दे रहे। रिपोर्ट में यह दावा किया है। इस रिपोर्ट का आधार बांग्लादेश का कुटुपालोंग शरणार्थी शिविर है।

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल मई में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और म्यांमार सरकार के बीच रोहिंग्या शरणार्थियों की बांग्लादेश से वापसी को लेकर एक समझौता हुआ था। समझौते के बाद 105 रोहिंग्या हिंदू शरणार्थी लौटने के लिए तैयार थे, लेकिन उनकी वापसी की तैयारी तब रद कर दी गई जब यूएन ने म्यांमार में शरणार्थियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई।

अखबार में 400 हिंदू शरणार्थियों के हवाले से बताया गया कि उनके शिविर मुस्लिम रोहिंग्या शरणार्थी कैंप से अलग बनाए गए हैं। इन्हें हिंदू कैंप कहा जाता है। उन्हें चौबीसों घंटे सुरक्षा दी जाती है। बांग्लादेश में फंसे हिंदू शरणार्थी भारत सरकार से भी मदद की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक केवल मानवीय सहायता ही मिल पाई है। वर्ष 2017 में म्यांमार के रखाइन प्रांत में हिंसा भड़कने के बाद करीब सात लाख रोहिंग्या शरणार्थियों ने बांग्लादेश में शरण ली थी। कई हिंदू परिवार भी हिंसा के चलते बांग्लादेश जाने को मजबूर हुए थे।

Related Articles

Back to top button