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वाराणसी को जल्द मिलेगा रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का बड़ा तोहफा

  •  शिव की नगरी में पूर्वांचल की पहली इंटेलिजेंट बिल्डिंग “रुद्राक्ष “बन कर हुई तैयार
  •  “रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर” आग पर स्वतः काबू पाने में सक्षम, अत्याधुनिक सुविधाओं की भरमार
  •  संगीत और कला के बड़े आयोजन, कॉन्फ्रेंस, नाटक और प्रदर्शनियां भी यहां हो सकेंगी

वाराणसी : प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वारणसी में भारत-जापान मैत्री की मिसाल साबित होने जा रहा हाईटेक रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर बनकर तैयार हो गया है। अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर को इंटेलिजेंट बिल्डिंग भी कहा जा सकता है। रुद्राक्ष में आग लगने पर तत्काल अत्याधुनिक तकनीक के फायर फाइटर खुद ही आग को नियंत्रित कर लेंगे। कन्वेंशन सेंटर में बने कम्पार्टमेंट व वॉटर कर्टेन आग से सुरक्षा प्रदान करेंगे।

186 करोड़ की लागत से 1,200 लोगों की क्षमता वाले रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का उद्धघाटन जल्द होने वाला है। रुद्राक्ष की डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल ने किया है और निर्माण का काम भी जापान की ही फुजिता कॉपोरेशन नाम की कंपनी ने किया है। यहां बड़े म्यूजिक कंसर्न, कॉन्फ्रेंस, नाटक हो सकेंगे और प्रदर्शनियां भी लगेंगी।

रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की नींव 2015 में उस समय पड़ी जब जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वाराणसी आए थे। प्राचीन और जीवंत शहर को जापान ने भारत से दोस्ती का एक ऐसा नायाब तोहफा रुद्राक्ष के रूप में दिया है, जहां अब बड़े म्यूजिक कंसर्न, कांफ्रेंस, नाटक और प्रदर्शनियां जैसे कार्यक्रम होंगे। बिल्डिंग को बेहद इंटेलिजेंट बनाया गया है। खास तौर पर फायर फाइटिंग के लिए।

वाराणसी के मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनिमेष सिंह ने बताया कि बिल्डिंग में किसी भी तरह की आग लगने पर कार्यक्रम देख रहे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए इंटरनेशनल फायर स्टैण्डर्ड के मानकों से सुसज्जित किया गया है। बिल्डिंग में आग को रोकने के लिए इसे कई कम्पार्टमेंट में बाटा गया।

450 स्क्वायर फिट पर एक स्मोक डिटेक्टर है। रुद्राक्ष में 199 स्मोक व 53 हीट डिटेक्टर लगे हैं, जो मेन फायर अलार्म एड्रेसेबल पैनल को सूचना देते हैं। जिस कम्पार्टमेंट में आग लगता है, वहां ख़ुद ही वाटर कर्टेन बन जाता है। रुद्राक्ष में 12 वाटर कर्टेन लगे हैं। जो आग को वहीं रोक देते हैं और लोगों को सुरक्षित निकलने का समय मिल जाता है। इसके अलावा फायर डिटेक्ट होते ही स्वतः हाल के दरवाजे खुल जाएंगे। धुआं होते ही स्मोक एजॉस्ट सिस्टम चालू हो जाएगा जिससे धुंआ इमारत से बहार हो जाएगा।

एलीवेटर (लिफ्ट) तक आग पहुंचने पर लिफ्ट खुद ही बंद हो जाएगी। मोटोराइज्ड फायर डैम्पर सिस्टम लगे होने से सेंट्रलाइज्ड वातनुकूलित का डैम्पर स्वतः ही बंद हो जाएगा जिससे धुंआ फैलेगा नहीं। (दिल्ली के उपहार कांड मे इसी डैम्पर के खुले होने से पूरे हॉल में धुंआ फैल गया था और ज़्यादातर मौते धुएं से दम घुटने से हुई थीं। कंट्रोल रूम में बैठा व्यक्ति सीसीटीवी कैमरे में पूरी इमारत की स्थिति को देख कर पीए सिस्टम से आवश्यक निर्देश भी दे सकता है।

शिवलिंग की आकृति में बनाया गया रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर

इसमें एल्युमिनियम के 108 बड़े पंचमुखी रुद्राक्ष लगाए गए हैं। जितना खूबसूरत ये देखने में लग रहा है, उतनी ही इसकी खूबियां भी है। सिगरा नगर निगम के बगल में, तीन एकड़ (13196 स्वायर मीटर) में, 186 करोड़ की लागत से बन रहे रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में 120 वाहनों की पार्किंग बेसमेंट में बनाई गई है। ग्राउंड फ्लोर और प्रथम तल को लेकर हॉल होगा जिसमे वियतनाम से मंगाई गई कुर्सियों पर 1,200 लोग एक साथ बैठ सकते हैं।

दिव्यांगजनों के लिए भी दोनों दरवाजों के पास 6-6 व्हील चेयर का इंतज़ाम है। हाल में बैठने की क्षमता पार्टीशन से कम भी किया जा सकता है। इसके अलावा आधुनिक ग्रीन रूम भी बनाया गया है। 150 लोगों की क्षमता वाला दो कॉन्फ्रेंस हाल और गैलरी भी है जो दुनिया के आधुनिकतम उपकरणों से लैस है। इस हॉल को भी जरुरत के मुताबिक घटाया व बढ़ाया जा सकता है।

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