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विधायक बृजेश प्रजापति ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल, लौटाई सुरक्षा

लखनऊ: यूपी के बांदा जिले की तिंदवारी सीट से बीजेपी विधायक बृजेश प्रजापति ने अपनी ही सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि सरकार पर भ्रष्ट अधिकारियों का सिंडिकट हावी है। जब-जब ब्यूरोक्रेसी सरकार पर हावी होती है तो लोकतंत्र खतरे में होता है। बीजेपी विधायक का कहना है कि पिछले कुछ समय से जो घटनाएं हो रही हैं, उसके बाद राज्यपाल से बात करना जरूरी है। बीजेपी विधायक का आरोप है कि भ्रष्ट अफसरों, कुछ नेताओं व बड़े माफिया के सिंडिकट ने साजिशन उनके खिलाफ खनन अधिकारी से फर्जी एफआईआर दर्ज करवाई है। उन्होंने पूरे प्रकरण पर राज्यपाल को पत्र लिखकर मामले की जांच करवाने की मांग की है। हजरतगंज में प्रेसवार्ता के दौरान तिंदवारी विधायक बृजेश प्रजापति और बलरामपुर के गैंसड़ी से बीजेपी विधायक शैलेश कुमार सिंह शैलू ने खनन अधिकारी द्वारा दर्ज करवाए गए मुकदमे पर सवाल उठाया। विधायक बृजेश प्रजापति का कहना है कि जिले में बड़े माफिया व अफसरों का सिंडिकट खनन करवा रहा है लेकिन अधिकारी उनके खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लेते जबकि साइकल, ई-रिक्शा और बाइक से बालू लाने वालों को पकड़कर अवैध खनन की बड़ी कार्रवाई दिखा रहे हैं। उनकी साइकल, बैलगाड़ी व ई-रिक्शा जब्त कर ले रहे हैं। विधायक का कहना है कि वह इसका लगातार विरोध कर रहे थे। उन्होंने इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ के यहां भी शिकायत की। बृजेश प्रजापति के मुताबिक उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के अगले दिन ही उनके सुरक्षाकर्मी बदल दिए गए ताकि उन पर दबाव बनाकर उनसे मनमाफिक बयान दर्ज करवा सकें इसलिए उन्होंने अपनी सुरक्षा ही लौटा दी है। विधायक बृजेश प्रजापति ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले खनन अधिकारी शैलेंद्र सिंह की संपत्तियों व उन्हें नौकरी मिलने की जांच की मांग करते हुए राज्यपाल को पत्र लिखा है। विधायक के मुताबिक खनन विभाग में तैनात अधिकारी अपने रिश्तेदारों के नाम पर पट्टे नहीं ले सकता है। लेकिन शैलेंद्र सिंह ने मां मोहिनी देवी के नाम पर इलाहाबाद में दो पहाड़ के पट्टे हैं। विधायक ने शैलेंद्र सिंह की नौकरी को लेकर भी सवाल उठाए हैं। विधायक का कहना है कि शैलेंद्र सिंह के परिवार में आठ खनन अधिकारी हैं, जिनमें से छह की एक साथ नौकरी लगी है। एक ही परिवार के छह लोगों को खनन विभाग में नौकरी मिलना संदेहास्पद है। विधायक का आरोप है कि इनमें से गोरखपुर और मीरजापुर में तैनात शैलेंद्र के मामा सुभाष सिंह व राकेश बहादुर सिंह मूलरूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं लेकिन उन्होंने फर्जी दस्तावेज के जरिए खुद को यूपी का बताया है। विधायक ने खनन अधिकारी शैलेंद्र की लखनऊ, इलाहाबाद व उनके गांव में करोड़ों की संपत्ति होने का भी आरोप लगाया।

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