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विपक्ष ने मोदी को लिया निशाना पर, कहा-महामारी को भी महोत्सव में बदल देते हैं

कोरोना से जंग लड़ रहे चिकित्सकों का उत्साह बढ़ाने के लिए पहले थाली बजाने और अब रविवार को 9 मिनट तक दीये जलाने की पीएम नरेंद्र मोदी की अपील पर विपक्ष ने राजनीति शुरू कर दी है। विपक्ष ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा, हमारे प्रधानमंत्री महामारी को भी महोत्सव में बदल देते हैं। प्रधानमंत्री का संदेश स्पष्ट था कि दीये जलाकर हम लोगों का उत्साह बढ़ाएंगे। सामूहिक शक्ति का प्रकाश बढ़ेगा। लोग ना डरेंगे और ना ही ऐसे में अकेला महसूस करेंगे। साथ ही उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की भी अपील की।

लेकिन संदेश खत्म होने से पहले ही सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में वाद विवाद शुरू हो गया। विपक्ष का कहना है कि जहां एक ओर देश में वेंटिलेटर की जबरदस्त कमी है, मास्क खत्म हो रहे हैं, डॉक्टरों के पास पहनने वाले सुरक्षित गाउन (पीपीई) और दस्ताने नहीं है और संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए जरूरी टेस्टिंग किट का अभाव है।

वहीं प्रधानमंत्री वास्तविक समस्याओं का समाधान बताने के बजाय लोगों से ताली बजाने और दीये जलाने को कह रहे हैं।

पॉजिटिव सोच का मोटिवेशन
ताली बजाने की बात हो या दीये जलाने का आह्वान। यह प्रधानमंत्री का तरीका है देश के हर व्यक्ति से सीधा संबंध कायम करने का। पिछले 6 सालों के दौरान जिस तरह उन्होंने भाजपा के कार्यकर्ताओं को साल के 365 में से ढाई सौ से तीन सौ दिनों तक किसी न किसी कार्यक्रम में लगाए रखा है, उसी तरह वे लॉकडाउन के दौरान भी जनता में पॉजिटिव सोच विकसित करना चाहते हैं। उनका मानना है कि हौसला ऊंचा रखकर ही व्यक्ति खराब से खराब परिस्थिति से निपट सकता है।

कांग्रेस बोली…ये बस प्रतीकात्मक सोच, बीमारी से बचाव का कोई लेनादेना नहीं
कांग्रेस ने इसे प्रतीकात्मक सोच बताते हुए कहा कि इससे बीमारी से बचाव का कोई लेनादेना नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि पीएम गैरजरूरी काम बताना बंद करें और लॉकडाउन से प्रवासी मजदूरों और गरीबों के सामने खड़े संकट से निकलने का रास्ता बताएं। एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, लोगों को उम्मीद थी कि पीएम बचाव की बात करेंगे लेकिन उन्होंने धोखा किया और दीया जलाने की अपील की।

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