अद्धयात्म

शक्ति संचय का अवसर है नवरात्रि

चैत्र नवरात्रि की शुरूआत विधि विधान से करना चाहिये तथा यह 29 मार्च से शुरू होगी। यह अवसर न केवल देवी आराधना के लिये उपयुक्त माना गया है तो वहीं शक्ति संचय का फलदायी भी माना जाता है।

इसलिये नौ दिनों तक माता की आराधना करने की सलाह ज्योतिष शास्त्र द्वारा दी गई है। नवरात्रि में न केवल सामान्य रूप से माता की आराधना की जा सकती है वहीं यह अवसर तांत्रिकों के लिये भी महत्वपूर्ण माना गया है। यही कारण होता है कि नौ दिनों तक तंत्र से जुड़े लोगों द्वारा तांत्रिक क्रियाओं को अंजाम देने का सिलसिला दिखाई देता है।

साधक साधना करते है तो वहीं सामान्य लोगों के लिये सामान्य तरीके से ही पूजा-आराधना करने के लिये सलाह दी जाती है। शुभ मुर्हूत में पूजा-पाठ किया जाकर सुख समृद्धि के लिये प्रार्थना करने से निश्चित ही माॅं की कृपा प्राप्त होती है।

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