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शाओमी रेडमी 3एस प्राइम का रिव्यू

मोबाइल मार्केट में 10,000 रुपये के प्राइस रेंज में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है। इसकी वजह है कि शानदार स्पेसिफिकेशन वाले हैंडसेट का लॉन्च किया जाना। बजट फोन खरीदने की चाहत रखने वाले भारतीय ग्राहकों के लिए यह साल बेहतरीन रहा है। क्योंकि कंपनियों के बीच कम पैसे में ज्यादा से ज्यादा फ़ीचर देने की दौड़ लगी है।

शाओमी ने भारतीय मार्केट में अपनी अच्छी पकड़ बनाई है। रेडमी नोट 3 (रिव्यू) और मी मैक्स (रिव्यू) की सफलता के बाद इस कंपनी ने स्मार्टफोन मार्केट में अपनी हिस्सेदारी और बढ़ाने के इरादे से अब 10,000 रुपये से भी कम कीमत वाले स्मार्टफोन पेश किए हैं। हम बात कर रहे हैं शाओमी रेडमी 3एस और शाओमी रेडमी 3एस प्राइम की। दोनों ही फोन ‘मेड इन इंडिया’ के लेबल के साथ आते हैं। भारतीय मार्केट में आने के बाद से शाओमी की पहचान किफायती दाम में शानदार स्पेसिफिकेशन वाले फोन पेश करने की रही है। कंपनी ने नए हैंडसेट के जरिए भी इसी हिट फॉर्मूले को फिर से भुनाने की कोशिश की है।

रेडमी 3एस के दोनों वेरिएंट फुल-मेटल बॉडी से लैस हैं और बड़ी बैटरी के साथ आते हैं। हमें रेडमी 3एस प्राइम को रिव्यू करने का मौका मिला जो ज्यादा रैम, ज्यादा स्टोरेज और फिंगरप्रिंट सेंसर के साथ आता है। क्या रेडमी 3एस प्राइम फायदे का सौदा है, या फिर यह हैंडसेट रेडमी नोट 3 का एक वेरिएंट मात्र है। इस बारे में आपको रिव्यू के जरिए विस्तार से बताते हैं।

लुक और डिज़ाइन
हमने जब शाओमी रेडमी 3एस प्राइम को देखा तो यह पहली नज़र में रेडमी 3 का मिनी वेरिएंट नज़र आया। शाओमी के ज्यादातर फोन अब दिखने में एक जैसे ही लगने लगे हैं। कंपनी इसके जरिए अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में समरूपता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है। कुछ साल पहले सैमसंग ने अपने गैलेक्सी स्मार्टफोन के साथ भी यही रणनीति अपनाई थी। हम इस गेमप्लान के प्रशंसक नहीं रहे हैं।
 

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रेडमी 3एस प्राइम का फ्रंट पैनल लगभग शाओमी रेडमी नोट 3 जैसा ही है, लेकिन इसमें सेंसर डिस्प्ले के ऊपर मौजूद हैं। आपको कैपेसिटिव होम, बैक और रीसेंट बटन मिलेंगे। ये डिस्प्ले के नीचे मौजूद हैं। सेंसर और फ्रंट कैमरा ईयरपीस के दोनों तरफ हैं। बहुत हद तक यह फोन शाओमी मी मैक्स से प्रेरित नज़र आता है जो 6.44 इंच डिस्प्ले से लैस है। हालांकि, रेडमी 3एस प्राइम की मोटाई 8.5 मिलीमीटर है जबकि प्रीमियम मी मैक्स 7.55 एमएम की मोटाई के साथ आता है।

रियर पैनल पर प्राइमरी कैमरे के साथ एलईडी फ्लैश मौजूद है। दोनों को दायीं तरफ ऊपर में जगह दी गई है। बैकपैनल पर मध्य में फिंगरप्रिंट सेंसर मौजूद है। रियर पैनल पर ऊपर से नीचे की ओर एक पतला सा लाइन है। यह हमें रेडमी नोट 3 और मी मैक्स में भी देखने को मिला था।
 

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स्पीकर ग्रिल फोन के निचले हिस्से में हैं। वॉल्यूम और पावर बटन दायीं तरफ दिए गए हैं, जबकि हाइब्रिड सिम स्लॉट दायीं तरफ दिए गए हैं।

इसमें एक इंफ्रारेड एमिटर और 3.5 एमएम ऑडियो जैक टॉप पर दिए गए हैं। निचले हिस्से में स्टेंडर्ड माइक्रो-यूएसबी पोर्ट है और एक माइक्रोफोन भी। रेडमी 3एस प्राइम एक मेटल बॉडी फोन है। यह अपनी कीमत में प्रीमियम होने का एहसास देता है। इसका वज़न 144 ग्राम है। किसी बजट डिवाइस के लिए यह वज़न ज्यादा है। लेकिन घुमावदार किनारे के कारण इसे पकड़ पाना आसान है। ज्यादा वजन की वजह स्मार्टफोन में मौजूद बड़ी बैटरी है।

शाओमी रेडमी 3एस और रेडमी 3एस प्राइम में मुख्य अंतर फिंगरप्रिंट स्कैनर का है। हैंडसेट के पीछे मौजूद फिंगरप्रिंट सेंसर तक एक हाथ से पहुंच पाना आसान है। रिव्यू के दौरान हमें इस डिवाइस को अनलॉक करने में दिक्कत नहीं हुई। 5 इंच के स्क्रीन के कारण इस फोन को एक हाथ से इस्तेमाल करना आसान है, हमने रिव्यू के दौरान ऐसा ही किया। हमने पाया कि टाइपिंग बेहद ही आसान था।

शाओमी रेडमी 3एस प्राइम एक पावर एडप्टर, एक सिम इजेक्टर टूल और एक निर्देश पुस्तिका के साथ आता है। रेडमी नोट 3 की तरह रेडमी 3एस प्राइम के साथ आपको ईयरफोन नहीं मिलेगा। इससे कई यूज़र को निराशा होगी।

स्पेसिफिकेशन और सॉफ्टवेयर
रेडमी 3एस और रेडमी 3एस प्राइम में ऑक्टा-कोर क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 430 प्रोसेसर का इस्तेमाल किया गया है। चार कोर 1.1 गीगाहर्ट्ज़ की क्लॉक स्पीड देते हैं और बाकी चार कोर 1.4 गीगाहर्ट्ज़ की। ग्राफिक्स के लिए एड्रेनो 505 जीपीयू इंटिग्रेटेड है। फिंगरप्रिंट सेंसर के अलावा शाओमी रेडमी 3एस और रेडमी 3एस प्राइम में अंतर स्टोरेज और रैम का है। रेडमी 3एस हैंडसेट 2 जीबी के रैम और 16 जीबी इनबिल्ट स्टोरेज के साथ आता है। वहीं, रेडमी 3एस प्राइम में 3 जीबी रैम है और इनबिल्ट स्टोरेज 32 जीबी है।
 

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लॉन्च के दौरान शाओमी इंडिया ने दावा किया कि रेडमी 3एस और रेडमी 3एस प्राइम नए स्नैपड्रैगन 430 चिपसेट से लैस भारत में बिकने वाले पहले स्मार्टफोन हैं। दोनों ही मॉडल में 128 जीबी तक के माइक्रोएसडी कार्ड इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

हैंडसेट में 5 इंच का आईपीएस डिस्प्ले है जिसका रिज़ॉल्यूशन 720×1280 पिक्सल है। हमें दिए गए रिव्यू यूनिट का स्क्रीन वाइब्रेंट था। शाओमी का सनलाइट डिस्प्ले हार्डवेयर फ़ीचर जो रेडमी नोट 3 का हिस्सा था, इस स्मार्टफोन में मौजूद नहीं है। अगर यह फ़ीचर मौजूद रहता तो सूरज की रोशनी में इस हैंडसेट के स्क्रीन पर पढ़ने में और आसानी होती। रेडमी 3एस प्राइम की ब्राइटनेस लेवल अच्छी है और रंग कभी भी ज्यादा सेचुरेटेड नज़र नहीं आए। व्यूइंग एंगल अच्छे हैं। ज्यादातर मौकों पर डिस्प्ले काफी शार्प था और एक्युरेट कलर प्रोड्यूस किया।
 

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कनेक्टिविटी के लिहाज से रेडमी 3एस प्राइम (रेडमी 3एस) में वॉयस ओवर एलटीई, 4जी, वाई-फाई 802.11 बी/जी/एन, ब्लूटूथ, जीपीएस/ए-जीपीएस, ग्लोनास और माइक्रो-यूएसबी फ़ीचर दिए गए हैं। रेडमी 3एस प्राइम भारत में इस्तेमाल किए जा रहे सभी एलटीई बैंड को सपोर्ट करता है। शाओमी ने बताया है कि हैंडसेट में एक साथ दो सिम कार्ड इस्तेमाल करने पर प्राइमरी सिम कार्ड 4जी सपोर्ट करेगा और दूसरा सिम सिर्फ 3जी को सपोर्ट करेगा।

रेडमी 3एस प्राइम की 4100 एमएएच की बैटरी एक और गौर करने लायक फ़ीचर है। इसमें 13 मेगापिक्सल का रियर कैमरा है जो फेज़ डिटेक्शन ऑटोफोकस, एफ/2.0 अपर्चर, एचडीआर मोड, 1080 पिक्सल वीडियो रिकॉर्डिंग और एलईडी फ्लैश से लैस है। आपको 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा मिलेगा। इससे भी 1080 पिक्सल रिज़ॉल्यूशन के वीडियो रिकॉर्ड करना संभव है।

 

स्मार्टफोन एंड्रॉयड 6.0.1 मार्शमैलो पर आधारित मीयूआई 7.5 पर चलेगा। यह ओएस रेडमी नोट 3 के साथ आने वाले डिवाइस का अपडेट किया हुआ वर्ज़न है। अफसोस की बात यह है कि आपको एंड्रॉयड मार्शमैलो के नाउ ऑन टैप जैसे कई फ़ीचर नहीं मिलेंगे। उम्मीद है कि कंपनी इन फ़ीचर को अगले अपडेट के साथ जारी करेगी।
 

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रिव्यू के दौरान हमने पाया कि रेडमी 3एस प्राइम को एक हाथ से इस्तेमाल करना आसान है। कंपनी की योजना रेडमी 3एस प्राइम को मीयूआई 8 का अपग्रेड देने की है।

परफॉर्मेंस
शाओमी रेडमी 3एस प्राइम अपने प्राइस रेंज में एक मानक के तौर पर काम करता है। हमें इस हैंडसेट पर मल्टीटास्किंग करने पर किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। डेड ट्रिगर जैसे गेम खेलने पर भी कोई फ्रेम रेट ड्रॉप नहीं हुआ।

ऐप्स तेजी से लोड हुए और स्क्रीन ने हर बार टच करने पर प्रतिक्रिया दी। हमें सिर्फ एक समस्या का सामना करना पड़ा। बेंचमार्क टेस्ट के दौरान यह हैंडसेट कभी-कभार रीस्टार्ट हुआ। ऐसा ही रेडमी नोट 3 के साथ भी हुआ था। फोन को चार्ज करने के दौरान यह गर्म नहीं हुआ। हालांकि, कैमरा ऐप इस्तेमाल करने के दौरान फोन थोड़ा गर्म ज़रूर हुआ। लेकिन इतना भी नहीं कि फोन को इस्तेमाल करने में दिक्कत हो। हमें फोन पर लंबे समय तक बात करने में भी कोई दिक्कत नहीं हुई।
 

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हमने गीले हाथों से भी रेडमी 3एस प्राइम के फिंगरप्रिंट स्कैनर को इस्तेमाल करने की कोशिश की। स्कैनर ने अपना काम बखूबी किया। हमें इस हैंडसेट के फिंगरप्रिंट स्कैनर द्वारा ऊंगलियों के निशान की पहचान तेजी से करने की क्षमता ने भी लुभाया।

हैंडसेट के रियर हिस्से पर मौजूद स्पीकर से आने वाली आवाज की क्वालिटी अच्छी थी। लेकिन ज्यादा वॉल्यूम पर यह फ्लैट हो जाती है।

3 जीबी रैम की मदद से आप आसानी से ज्यादातर काम कर सकते हैं। चाहे आप एक वक्त पर कितने भी ऐप खुले रखें, बाकी काम के लिए 800 एमबी रैम हमेशा उपलब्ध रहता है। रेडमी 3एस प्राइम ने बेंचमार्क टेस्ट में ठीक-ठाक नतीजे दिए।

कैमरा
शाओमी रेडमी प्राइम के कैमरे ने शार्प तस्वीरें लीं। इनमें डिटेल की भी कोई कमी नहीं थी। अच्छी रोशनी में घर के अंदर की तस्वीरें काफी शानदार थीं। इनमें बहुत ज्यादा नॉयज नहीं था। कम रोशनी में ली गई तस्वीरें थोड़ी वाश्ड आउट थीं। हालांकि, एचडीआर मोड चलाते ही कुछ कमियां दूर हो गईं। हमें फोकस लॉक करने में भी कोई दिक्कत नहीं हुई।
 

रियर कैमरे से 1080 पिक्सल रिज़ॉल्यूशन के वीडियो रिकॉर्ड करना संभव है। इसमें एक टाइम-लैप्स वीडियो फ़ीचर भी है। रेडमी 3एस प्राइम में एक मैनुअल कैमरा मोड भी है। यहां पर पर आप व्हाइट बैलेंस और आईएसओ को बदल सकते हैं।

5 मेगापिक्सल के फ्रंट कैमरे से हम अच्छी सेल्फी लेने में सफल रहे। इसमें फेस रिकॉग्निशन फ़ीचर भी है जो फ्रेम में चेहरा नज़र आते ही काम करने लगता है।

बैटरी लाइफ
रेडमी 3एस प्राइम में मौजूद 4100 एमएएच की बैटरी हमारे वीडियो लूप टेस्ट में 14 घंटे 50 मिनट तक चली जो बेहतरीन है। रेडमी 3एस प्राइम ने रेडमी नोट 3 को इस मामले में पछाड़ दिया है जिसकी बैटरी वीडियो लूप टेस्ट में करीब 12 घंटे तक चली थी। ऐसा कम रिज़ॉल्यूशन वाले डिस्प्ले के कारण हुआ है। बहुत ज्यादा इस्तेमाल किए जाने के बावजूद रेडमी 3एस प्राइम की बैटरी आसानी से एक दिन तक चली। दिन के अंत में करीब 20 फीसदी पावर बचा रहता था।

 

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शाओमी का दावा है कि इसके साथ दिया गया चार्ज़र तेजी से हैंडसेट की बैटरी को चार्ज करेगा। हमने पाया कि इस चार्ज़र को हैंडसेट की बैटरी को शून्य से 100 फीसदी तक चार्ज करने में करीब 2 घंटे का वक्त लगा।

हमें सॉफ्टवेयर में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उदाहरण के तौर पर सभी ज़रूरी इज़ाजत देने के बाद हमें एनडीटीवी और गैजेट्स 360 ऐप्स के अलर्ट नहीं मिले। जबकि दूसरे हैंडसेट के साथ ऐसा नहीं होता है।

हमारा फैसला
8,999 रुपये वाला शाओमी रेडमी 3एस प्राइम आम यूज़र के लिए बहुत कुछ नया लेकर आता है। इसकी मेटल बॉडी प्रीमियम होने का एहसास देती है। 4100 एमएएच की बैटरी के दम पर यूज़र आसानी से एक दिन तक हैंडसेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। 3 जीबी रैम यह सुनिश्चित करता है कि यूज़र को मल्टीटास्किंग में कोई परेशानी ना हो।
 

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पैकेज के तौर पर यह स्मार्टफोन 10,000 रुपये के प्राइस रेंज में अपनी मौजूदगी दर्ज कराता है। इस हैंडसेट में 5.5 इंच का डिस्प्ले ना होना भी कई यूज़र को पसंद आएगा। इसे एक हाथ से इस्तेमाल करना आसान है। शाओमी रेडमी 3एस प्राइम के विकल्प के तौर पर यूज़र आसुस ज़ेनफोन मैक्स (2016) खरीद सकते हैं जो इसी कीमत में उपलब्ध है। अगर आपको ज्यादा बड़ा स्क्रीन और बेहतर परफॉर्मेंस चाहिए तो आपके लिए शाओमी रेडमी नोट 3 का विकल्प है। हालांकि, इसकी कीमत थोड़ी ज्यादा है।

 
 

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