व्यापार

सवाल : डोसा महंगा क्यों होता जा रहा है? रघुराम राजन ने जवाब में तवे को ‘दोष’ दिया

दस्तक टाइम्स एजेंसी/ dosa_650x400_41441005183कोच्चि: भारतीय रिज़र्व बैंक महंगाई पर लगाम कसने का दावा कर रहा है लेकिन इसके बावजूद एक बड़ा सवाल जो एक इंजीनियरिंग की छात्रा को सता रहा है वह यह उसके पसंदीदा व्यंजन डोसा के दाम क्यों नहीं कम होते? जब अपनी यह परेशानी इस छात्रा ने आरबीआई गर्वनर रघुराम राजन के साथ बांटी तो उन्होंने इसका ठीकरा डोसे के तवे और डोसा बनाने वाले पर फोड़ दिया। राजन का कहना है कि तवे पर डोसा डालने की तकनीक परंपरागत ही है और तवे पर हाथ फेरने वाले कारीगर की मजदूरी बढ़ गई है।
 
राजन ने कहा ‘वास्तव में डोसा बनाने की प्रौद्योगिकी नहीं बदली है। जानते हैं आज भी व्यक्ति चावल का घोल तवे पर डालता है, फैलाता है और उस पर मसाला डालकर उसे तैयार करता है। इस काम में कोई प्रौद्योगिकी सुधार नहीं हुआ है।’ कोच्ची में फेडरल बैंक के एक कार्यक्रम में एक छात्रा के सवाल का जवाब देते हुए राजन ने कहा ‘हालांकि, डोसा बनाने वाले व्यक्ति की पगार विशेषकर केरल जैसे राज्य में लगतार उंची होती जा रही है।’

कामगार महंगे
इस कार्यक्रम में छात्रा ने पूछा था ‘असल जीवन में, डोसा की कीमतों पर मेरा एक सवाल है। जब मुद्रास्फीति बढ़ती है तो डोसा के दाम भी बढ़ते हैं, लेकिन जब मुद्रास्फीति नीचे आती है तो डोसा की कीमत नीचे नहीं आती। तो हमारे प्रिय व्यंजन डोसा के साथ ऐसा क्यूं होता है।’ राजन ने अपने जवाब में आगे कहा ‘कामगारों का उपयोग कई ऐसे उत्पादक क्षेत्रों में किया जा सकता है जहां उत्पादकता काफी बढ़ी है जैसे फैक्टरी का काम, बैंकिंग आदि। यहां वहीं बैंक क्लर्क प्रौद्योगिकी की वजह से कहीं ज्यादा लोगों को सेवाएं दे पा रहा है।’

अपनी बात पूरी करते हुए राजन ने कहा ‘बढ़ती अर्थव्यवस्था में कई सेक्टर प्रौद्योगिकी रूप से अच्छा कर रहे हैं लेकिन कुछ सेक्टर की तकनीक में कोई सुधार नहीं आया है, ऐसे सेक्टरों के उत्पाद के दाम जल्दी बढ़ते हैं। डोसे के साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा है।’

Related Articles

Back to top button