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सांसद अनुराग ठाकुर पर दो मामलों में आरोप तय, मिली जमानत

दस्तक टाइम्स/एजेंसी-anurag-thakur-563e23ee644ab_exlstहिमाचल प्रदेश: सीजेएम कोर्ट धर्मशाला ने शनिवार को हमीरपुर से सांसद एवं बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर पर विजिलेंस थाने में नारेबाजी और क्रिकेट स्टेडियम में अतिक्रमण मामलों में आरोप तय कर दिए हैं। दोनों मामलों में अनुराग ठाकुर को पांच हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। नारेबाजी मामले में पूर्व मंत्री समेत 7 अन्य के खिलाफ भी आरोप दायर किए गए।

कोर्ट ने मामले की सुनवाई 26 फरवरी को तय की है। विजिलेंस थाना धर्मशाला में हुई नारेबाजी मामले की सुनवाई सीजेएम धर्मशाला बीरेंद्र ठाकुर की कोर्ट में हुई। इस मामले में अन्य आरोपियों में पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा, भाजपा नेता वीरेंद्र कंवर, एचपीसीए प्रवक्ता संजय शर्मा, हिमांशु मिश्रा, नरेंद्र अत्री और विश्व चक्षु पर भी आरोप तय किए गए हैं।

 

एक आरोपी विशाल मरवाह अदालत में उपस्थित नहीं हो पाए। बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि विशाल मरवाह अपने बेटे की बीमारी के कारण कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पाए।

वहीं, धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम के लिए सरकारी जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले में भी अनुराग ठाकुर और एचपीसीए के पदाधिकारी विशाल मरवाह पर आरोप तय किए गए। इसमें भी बेल बांड भरवाकर अनुराग ठाकुर को जमानत दी गई। इस मामले की सुनवाई 21 नवंबर को होगी।

यह है पहला मामला
24 अक्तूबर, 2013 को विजिलेंस थाना धर्मशाला में एचपीसीए को सोसाइटी से कंपनी बनाने के मामले में पूछताछ के लिए अनुराग ठाकुर को बुलाया गया था। आरोप है कि विजिलेंस थाना धर्मशाला में अनुराग ठाकुर समर्थकों सहित नारेबाजी करते हुए पहुंच गए थे।

 

नारेबाजी से जुड़े इस मामले में विजिलेंस ने इसकी शिकायत धर्मशाला थाने में की थी। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद पेटी चालान पेश किया था। इसके बाद अनुराग समेत आठ लोगों को समन जारी किए गए थे।

ये है दूसरा मामला

धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम के लिए सरकारी भूमि पर कब्जा करने के आरोप में एचपीसीए के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और पदाधिकारी विशाल मरवाह के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। 8 अप्रैल 2014 को धर्मशाला पुलिस ने 57/14 नंबर के तहत यह एफआईआर दर्ज की थी।

आरोप है कि धर्मशाला स्टेडियम के लिए एचपीसीए को जितनी जमीन प्रदेश सरकार ने लीज पर दी थी, उससे 2303 वर्ग मीटर ज्यादा पर कब्जा किया गया है।

 

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