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साहित्यकार कैलाश वाजपेयी का निधन

kailash vajpayeiनई दिल्ली : हिन्दी के वयोवृद्ध साहित्यकार डॉं. कैलाश वाजपेयी का बुधवार तड़के एक निजी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी डॉं. रूपा वाजपेयी और बेटी अनन्या वाजपेयी हैं। सूत्रों ने बताया कि डॉं. वाजपेयी को तड़के तीन बजे दिल का दौरा पड़ने पर साकेत के मैक्स अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया। उनका शाम को लोदी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उन्हें उनकी बेटी अनन्या ने मुखाग्नि दी। वाजपेयी को अंतिम विदाई देने के लिए कपिला वात्सायन, लीलाधर मंडलोई, आशीष नंदी, मणिशंकर अय्यर और के. श्रीनिवासराव सहित साहित्य और राजनीतिक जगत की विभिन्न हस्तियां एवं उनके मित्र मौजूद थे। डॉं. वाजपेयी के निधन पर साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी सहित साहित्य जगत की तमाम मशहूर हस्तियों ने शोक जताया है। डॉं. वाजपेयी का जन्म 11 नवंबर, 1936 को उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में हुआ था। लखनऊ विश्वविद्यालय से एम.ए. और पी-एच.डी. की उपाधि हासिल करने वाले वाजपेयी की 34 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। इनमें हवा में हस्ताक्षर, हिन्दी कविता में शिल्प, संक्रांत, देहांत से हटकर, तीसरा अंधेरा और सूफीनामा प्रमुख है। इसके अलावा उनकी रचनाएं स्पेनिश, अंग्रेजी और जर्मन में भी अनुदित हैं।
साहित्य सम्मान
डॉं. वाजपेयी को 1995 में हिंदी अकादमी सम्मान, 2000 में एसएस मिलेनियम अवॉर्ड, 2002 में प्रतिष्ठित व्यास सम्मान, 2005 में ह्यूमन केयर ट्रस्ट अवॉर्ड प्रदान किया गया।

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