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सिंधु ने रचा इतिहास, लगातार दूसरी बार जीता ओलंपिक मेडल,भारत की झोली में डाला तीसरा पदक

टोक्यो: पीवी सिंधु स्टार भारतीय शटलर पीवी सिंधु ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीत लिया है. रविवार को खेले गए ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में उन्होंने वर्ल्ड नंबर-9 चीन की हे बिंग जियाओ को 21-13, 21-15 से हराया. वर्ल्ड नंबर-7 सिंधु को इस मुकाबले को जीतने में कोई खास दिक्कत नहीं हुई और उन्होंने महज 52 मिनट में यह मुकाबला अपने नाम कर लिया.

टोक्यो ओलंपिक में भारत का यह तीसरा पदक है. सबसे पहले मीराबाई चनू ने वेटलिफ्टिंग के 49 किलो भारवर्ग में सिल्वर मेडल जीता था. वहीं, बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने 69 किलो वेल्टरवेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में पहुंचकर भारत के लिए मेडल पक्का कर चुकी हैं.

26 साल की सिंधु का ओलंपिक खेलों में यह दूसरा पदक है. इससे पहले उन्होंने 2016 के रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था. इसके साथ ही सिंधु ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय बन गई हैं. उनसे पहले रेसलर सुशील कुमार यह अनोखी उपलब्धि हासिल कर चुके हैं. सुशील ने बीजिंग ओलंपिक(2008) में कांस्य और लंदन ओलंपिक(2012) में रजत पदक जीता था.

ओवरऑल ओलंपिक के बैडमिंटन इवेंट में भारत का यह तीसरा पदक है. सिंधु के अलावा साइना नेहवाल भी ओलंपिक में पदक जीत चुकी है. साइना 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने में कामयाब रही थीं.

ओवरऑल ओलंपिक बैडमिंटन में भारत- तीसरा पदक

साइना नेहवाल
कांस्य पदक: लंदन ओलंपिक (2012)

पीवी सिंधु
कांस्य पदक: रियो डी जेनेरियो (2016)

पीवी सिंधु
कांस्य पदक: टोक्यो ओलंपिक (2020)

पहले में सिंधु ने बेहतरीन शुरुआत करते हुए 4-0 की बढ़त ले ली थी. इसके बाद बिंग जियाओ ने वापसी करते हुए 5-5 की बराबरी कर ली. फिर सिंधु ने शानदार शॉट्स लगाते हुए गेम अंतराल तक 11-8 से आगे हो गईं. अबकी बार सिंधु ने इस बढ़त को जाया नहीं जाने दिया और 23 मिनट में इस पहले गेम को जीत लिया.

दूसरे गेम में भी सिंधु ने बेहतरीन शुरुआत करते हुए गेम अंतराल के समय 11-8 से आगे हो गईं. हालांकि चीनी खिलाड़ी ने लगातार तीन प्वाइंट लेकर स्कोर को 11-11 कर दिया. इसके बाद सिंधु ने लगातार चार अंक लेकर स्कोर 15-11 कर दिया. अंततः सिंधु ने 29 मिनट में दूसरा गेम जीतकर कांस्य पदक पर कब्जा कर लिया. पूरे मैच के दौरान सिंधु के दमदार स्मैश के आगे बिंगजियाओ कई बार जमीन पर गिरी दिखाई दीं.

सिंधु की खब्बू खिलाड़ी बिंग जियाओ के खिलाफ यह सातवीं जीत है. इससे पहले खेले गए 15 मुकाबलों में से बिंगजियाओ को 9 में जीत मिली थी. वहीं भारतीय खिलाड़ी ने छह मुकाबले जीते थे.

…ऐसा रहा सिंधु का सफर

2019 की वर्ल्ड चैंपियन पीवी सिंधु ने ग्रुप-जे में शीर्ष पर रहकर नॉकआउट के लिए क्वालिफाई किया था. 25 जुलाई को अपने शुरुआती मुकाबले में उन्होंने इजरायल की सेनिया पोलिकारपोवा को 21-7, 21-10 से हराया था.

इसके बाद बुधवार को अपने आखिरी ग्रुप मैच में उन्होंने हॉन्गकॉन्ग की च्युंग एनगान यी को 21-9, 21-16 से मात दी. फिर रांउड-16 में उन्होंने डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट को 21-15, 21-13 से शिकस्त देकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था. इसके बाद क्वार्टर फाइनल में सिंधु ने जापान की अकाने यामागुची को 21-13, 22-20 से शिकस्त दी थी.

सिंधु को सेमीफाइनल में वर्ल्ड नंबर-1 चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग के हाथों 18-21, 12-21 से हार झेलनी पड़ी थी. जिसके बाद सिंधु का गोल्ड मेडल जीतने का सपना टूट गया था.

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