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सीमा पर चीन की दखलअंदाजी रोकेगी भारतीय वायुसेना

bhartiनई दिल्ली (एजेंसी), सीमा पर चीन की बढ़ती दखल को रोकने के लिए भारत अब तीन हजार करोड़ रुपए की वायुसेना आधारित सुरक्षा योजना बना रहा है, इसमें लद्दाख के न्योमा स्थित लैंडिंग ग्राउंड को वायुसेना अड्डे में तब्दील किया जाएगा। ताकि यहां से हर तरह के युद्ध व परिवहन विमान उड़ान भर सकें। इसके तहत अब आपातकालीन हालातों में रात में भी विमानों की सहायता ली जा सकेगी।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में सात लैंडिंग ग्राउंड को भारी मालवाहक विमानों के उतरने लायक बनाया जा रहा है।  वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन ने बताया कि लद्दाख में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित न्योमा हवाई पट्टी को हवाई ठिकाने के तौर पर विकसित किया जाना है। यह प्रस्ताव अगले माह केंद्रीय मंत्रिमंडल को भेजा जाएगा। योजना के पांच साल में पूरी होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि 20 अगस्त को वायुसेना ने लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी की हवाई पट्टी पर सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान को उतारा था। इसके बाद वायुसेना अब तक करीब आधा दर्जन बार सुपर हरक्यूलिस विमान को इस हवाई पट्टी पर उतार चुकी है। यह इलाका लद्दाख में दिपसांग के उस क्षेत्र के नजदीक है, जहां अप्रैल में चीनी सैनिकों ने भारतीय हद में तीन हफ्ते तक डेरा डाले रखे था।
कारगिल हवाई पट्टी को भी वायुसेना ठिकाने में बदलने की योजना है। वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन ने बताया कि सात हवाई पट्टियों के उन्नयन की करीब 720 करोड़ रुपये की योजना पर बीते सप्ताह काम शुरू हो चुका है।
सभी हवाई पट्टियों को इस तरह बनाया जाएगा कि यहां सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस जैसे रणनीतिक परिवहन विमान को उतारा जा सके। बीते दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति ने पहाड़ी युद्ध के लिए माउंटेन स्ट्राइक कोर बनाने के सेना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।

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