सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, इस बच्चे को मिलेगा 90 लाख रुपये मुआवजा
के भविष्य की जरूरतें भी पूरी हो जाएंगी। इससे पहले हाईकोर्ट ने पारिवारिक पृष्ठभूमि और पढ़ाई में इस मेधावी छात्र के उम्दा प्रदर्शन को देखते हुए कहा था कि भविष्य में उसके कम से कम 30 हजार रुपये प्रति महीने कमाने की क्षमता थी। इस आधार पर हाईकोर्ट ने मुआवजे की राशि सवा करोड़ रुपये देने का आदेश दिया था।
उन्होंने कहा कि बच्चे का आजीवन शत-प्रतिशत विकलांग होना दुखद है, लेकिन हाईकोर्ट ने मुआवजे की रकम बेहद अधिक निर्धारित की है। 18 मार्च 2012 को चंबा के भटियात के आठ वर्षीय नवल किशोर अपनी मां के साथ खेत में साग तोड़ने गया था। इस दौरान ऊपर से गुजर रही 11 केवी की हाईटेंशन तार (लाहडू़-चोवाड़ी लाइन) से बच्चे को करंट लग गया।
वह बुरी तरह जल गया और बेहोश हो गया। बाद में इलाज के दौरान उसकी जान बचाने के लिए उसके दोनों हाथों को काटना पड़ा, जिससे वह 100 फीसदी विकलांग हो गया। बच्चे के इलाज में परिवारवालों ने दो लाख रुपये भी खर्च किए। इस घटना के बाद से बच्चा पूरी तरह परिवारवालों पर निर्भर हो गया।