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सूरीनाम की 27.4 फीसदी आबादी सिर्फ हिंदू, डच लोगों ने श्रीराम का नाम लेकर दिया था धोखा

सूरीनाम : आधिकारिक तौर पर सूरीनाम गणराज्य, दक्षिण अमरीका महाद्वीप के उत्तर में स्थित एक देश है। सूरीनाम पूर्व में फ्रेंच गुयाना और पश्चिमी गयाना स्थित है। इसके इतिहास की बात करें तो सूरीनाम 25 नवंबर, 1975 को नीदरलैंड से आजादी मिली थी। सूरीनाम का समाज बहुसांस्कृतिक है, जिसमें अलग-अलग जाति, भाषा और धर्म वाले लोग निवास करते हैं। देश की एक चौथाई जनता प्रति दिन 2 डा़लर से कम पर जीवनयापन करती है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि, सूरीनाम में 27.4 फीसदी आबादी सिर्फ हिंदुओं की है। बहुत संघर्षों के बाद 1975 में सूरीनाम को नीदरलैंड के शासन से आजादी मिली और यहां नया संविधान बना। 5 जून, 1873 को पहली बार कई मजदूर भारत से सूरीनाम की आधुनिक राजधानी पैरामारिबो पहुंचे थे। इसके बाद 1873 से 1916 के वर्षों के दौरान करीब 34 हजार से अधिक भारतीय मजदूरों को 5 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया, उनमें से अधिकतर उत्तर प्रदेश और बिहार से थे। गौरतलब है कि 17वीं शताब्दी में सूरीनाम पर ब्रिटिश और डच लोगों का कब्जा था, वे वहां पर बाहर से लोगों को ले जाकर अपने फायदे के लिए उनसे खेती करवाया करते थे। डच लोगों ने इन भारतीयों को श्री राम की पवित्र भूमि और तीर्थयात्रा बताकर सूरीनाम पहुंचा दिया और बाद में उन्हें वहां की नागरिकता दे दी। यह जानकार आपको हैरानी होगी कि सूरीनाम में सबसे अधिक भोजपुरी या कैरीबियन भाषा बोली जाती है। कहा जाता है डच लोगों ने इन भारतीयों को श्री राम की पवित्र भूमि और तीर्थयात्रा बताकर सूरीनाम पहुंचा दिया और बाद में उन्हें वहां की नागरिकता दे दी। खास बात यह है कि, सूरीनाम बहुत से प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ियों की जन्म-भूमि भी रहीसूरीनाम दक्षिण अमरीका का क्षेत्रफल और आबादी के हिसाब से सबसे छोटा संप्रभु देश है। इसकी राजधानी पारामारिबो है।

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