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सेना के दो मेजर जनरलों के खिलाफ सीबीआई करेगी जांच

दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ नई दिल्ली : करप्‍शन और आय से अधिक संपत्ति के मामले में सेना के दो मेजर जनरल के खिलाफ सी101917-parrikबीआई जांच करेगी। रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने जांच का आदेश दिया है। बता दें कि यह पहला मौका है जब सेना के दो वरिष्‍ठ सैन्‍य अधिकारी के खिलाफ मोदी सरकार सीबीआई जांच करा रही है।

रक्षा मंत्रालय ने सीबीआई से कहा है कि वह पिछले साल अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) से नवाजे गए दो सेवारत मेजर जनरलों के खिलाफ मिली उन शिकायतों की जांच करे जिनमें इन सैन्य अधिकारियों पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप लगाया गया है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने मेजर जनरल अशोक कुमार और मेजर जनरल एसएस लांबा के खिलाफ मिली शिकायतें सीबीआई को भेज दी हैं और जवाब मांगा है। सूत्रों ने कहा कि सरकार किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगी। सीबीआई अब शिकायतों पर गौर करेगी और मंत्रालय को रिपोर्ट भेजेगी।

दोनों वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को पिछले साल एवीएसएम से सम्मानित किया गया था। असाधारण दर्जे की विशिष्ट सेवा को मान्यता देते हुए यह सैन्य सम्मान दिया जाता है। अनुचित व्यवहार के आरोपों के बाद मंत्रालय ने सितंबर में कुछ अधिकारियों की तरक्की पर रोक लगा दी थी। मामले की पृष्ठभूमि बताते हुए सूत्रों ने कहा कि पिछले साल लेफ्टिनेंट जनरल के तीन खाली पदों को भरने के लिए थलसेना के विशेष तरक्की बोर्ड की एक बैठक हुई थी जिसमें 33 अधिकारियों के नामों पर विचार किया गया था। बोर्ड की ओर से मंजूर किए गए कुछ नामों को रक्षा मंत्रालय को भेजा गया था। बहरहाल, बोर्ड की बैठक के बाद कुछ अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें सामने आई जिनमें कुछ सोशल मीडिया में भी नजर आई थीं। मामले का संज्ञान लेते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने खुद इस मामले को देखा।

सूत्रों ने बताया कि बाद में पाया गया कि मंत्रालय ने जिन दो अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई को लिखा है, उनमें से एक ने भ्रष्टाचार के आरोप में कुछ साल पहले सीबीआई जांच का सामना किया था। सीमा सड़क संगठन की एक परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में इस अधिकारी के खिलाफ जांच की गई थी। सीबीआई को अधिकारी पर आपराधिक मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिल सके थे। इस बीच, इस अधिकारी की तरक्की का समय आया और उसे अनुशासन एवं सतर्कता मंजूरी भी मिल गई, क्योंकि उसके खिलाफ कोई औपचारिक कार्यवाही नहीं चल रही थी। 

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