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हार्दिक को राजकोट कोर्ट से मिली जमानत तो सूरत पुलिस ने हिरासत में लिया

1_1445240398दस्तक टाइम्स/एजेंसी :सूरत। गुजरात में ओबीसी दर्जे के लिए आंदोलनरत पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को राजद्रोह के केस में गिरफ्तार कर लिया गया। सोमवार को राष्ट्रध्वज के अपमान मामले में राजकोट कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई, लेकिन उसके बाद सूरत पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। रविवार को राजकोट क्रिकेट स्टेडियम में घुसने की कोशिश कर रहे हार्दिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
 
पुलिस के खिलाफ दिया था बयान
हार्दिक ने कुछ दिनों पहले सूरत में कहा था, ‘दो-चार पुलिसवालों को मार देना, लेकिन किसी पटेल की जान नहीं जाना चाहिए।’ हार्दिक ने यह बयान तब दिया जब वह पटेलों के लिए आरक्षण की मांग के समर्थन में खुदकुशी की धमकी देने वाले एक युवक से मिलने गए थे। गुजरात का पाटीदार समाज जॉब और एजुकेशन में आरक्षण की मांग कर रहा है।
 
तिरंगे के अपमान का केस क्यों?
रविवार को राजकोट में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच क्रिकेट मैच शुरू होने से पहले हार्दिक ने कार की छत पर तिरंगे को उलटा कर पकड़ा था और उस दौरान कुछ लोगों को धमकाया था। इस दौरान तिरंगे का कुछ हिस्सा उनके पैरों की तरफ था। इस मामले में तिरंगे के अपमान का मामला दर्ज कराया गया है।
 
क्या है पटेलों की मांग?
पाटीदार-पटेल कम्युनिटी सरकारी नौकरियों और एजुकेशन में आरक्षण की मांग कर रही है। पटेलों की मांग है कि उन्हें ओबीसी कैटेगरी चाहिए। ओबीसी में 146 कम्युनिटी पहले से लिस्टेड हैं।
 
गुजरात सरकार क्यों नहीं देना चाहती रिजर्वेशन?
गुजरात में इस समय ओबीसी के लिए 27% रिजर्वेशन है। पटेल अपर कास्ट हैं। इकोनॉमिकली और सोशली मजबूत हैं। इसी वजह से गुजरात सरकार ने उन्हें रिजर्वेशन देने से साफ मना कर दिया है।
 
राजनीतिक तौर पर कितने मजबूत हैं गुजरात के पटेल
गुजरात में पटेलों की आबादी 20% है। गुजरात के 182 विधायकों में से 44 पटेल ही हैं। वहीं, लोकसभा की 26 सीटों में से 6 सांसद भी पटेल ही हैं।

 

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