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6 मार्च के बाद कभी भी बज सकता है चुनावी बिगुल

नई दिल्ली : अप्रैल-मई में देश में आम चुनाव होने हैं। बजट सत्र के बाद से ही सभी पार्टियां 17वीं लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। चुनाव आयोग मार्च के पहले या फिर दूसरे सप्ताह में कभी भी चुनावों के तारीखों का ऐलान कर सकता है। बताया जा रहा है कि 6 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी देश के सभी मुख्य सचिवों के साथ बैठक कर विकास कार्य की प्रगति की समीझा करेंगे। जानकारी के मुताबिक उसी दिन प्रधानमंत्री मोदी अपने कैबिनेट के साथ भी बैठक करेंगे। ये बैठक मोदी सरकार के मौजूदा टर्म की अंतिम बैठक हो सकती है। बता दें कि चुनाव अप्रैल-मई में संभावित हैं। 3 जून से पहले नई लोकसभा का गठन होना है।

सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक अगर सबकुछ ठीक रहा तो चुनाव आयोग 7 से 10 मार्च के बीच कभी भी चुनवों के तारीखों का ऐलान कर सकता है। इससे पहले चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को चिट्ठी लिखकर साफ कर दिया है कि 28 फरवरी के बाद कोई तबादले नहीं होंगे। साथ ही आयोग ने अंतिम समय में किए गए तमाम तबादलों की जानकारी देने के लिए कहा है। चुनाव आयोग की ओर से मिल रहे संकेतों के मुताबिक 10 मार्च से पहले कभी भी चुनाव के तारीखों का ऐलान हो सकता है। इन सबके बीच चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव को सुरक्षित और सुचारु रूप से कराने की तैयारियों में जुटा है।

इस बात की संभावना है कि आम चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभाओं के चुनाव कराए जा सकते हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर की विधानसभा पिछले साल नवंबर में भंग हो चुकी है और नियमों के हिसाब से 6 महीने के अंदर विधानसभा चुनाव करवाने होंगे। इस बात की संभावना भी जताई जा रही है कि आम चुनाव से पहले या उनके साथ ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं।

आपको बता दें कि पिछले यानी 16वीं लोकसभा चुनाव का ऐलान 5 मार्च 2014 को किया गया था। मतदान 16 अप्रैल को शुरू होकर 5 चरणों में 13 मई को खत्म हुए थे और 16 मई को चुनाव परिणाम आया था। इसमें भारतीय जनता पार्टी को बहुमत हासिल हुआ था और दूसरे सहयोगी दलों के साथ एनडीए की सरकार बनी। इन चुनाव में बीजेपी को 282 सीटें मिली थीं और नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में एनडीए की सरकार बनी थी।

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