राजनीति

विदेश से लौटते ही राहुल गांधी की पार्टी नेताओं के साथ बैठक, विधानसभा चुनाव पर होगी रणनीति तैयार

विदेश से लौटने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। इस बैठक में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के साथ अन्य चार राज्यों के विधानसभा चुनावों पर पार्टी की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। साथ ही बुधवार को होने वाली पार्टी कार्य समिति की बैठक के एजेंडे पर भी चर्चा की जाएगी।

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बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता भी हिस्सा लेंगे। पार्टी पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों पर रणनीति तैयार करेगी। खासकर उत्तर प्रदेश को लेकर विशेष जोर रहेगा। बैठक में समाजवादी पार्टी में चल रहे घमासान को लेकर भी चर्चा हो सकती है। 

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी में पार्टी के नेतृत्व को लेकर विवाद चल रहा है और मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच झगड़े के कारण पार्टी टूट के कागार पर है। हालांकि सुलह की कोशिशें अब भी जारी है।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश जैसै महत्वपूर्ण राज्य में गठबंधन करने पर भी फैसला लिये जाने की संभावना है। बिहार में कांग्रेस दूसरे राजनीतिक दलों के साथ महागठबंधन कर बीजेपी को सत्ता से दूर रखने में सफल हुई थी। ऐसे में उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस इस तरह का फैसला लेकर बीजेपी के खिलाफ एक महागठबंधन तैयार कर सकती है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार कांग्रेस के साथ गठबंधन करने पर जोर दिया है। अखिलेश यादव आज दिल्ली आ रहे हैं और ऐसी संभावना जताई जा रही है कि वो राहुल गांधी के साथ मुलाकात कर चुनावी गठबंधन को लेकर चर्चा होगी।  इसके अलावा उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के रोल को लेकर भी चर्चा होगी और साथ ही उनके पार्टी के लिये प्रचार कार्यक्रम पर भी बात हो सकती है। कांग्रेस इस बार उत्तर प्रदेश में पूरे जोर शोर के साथ उतर रही है। पिछले 27 सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस इस समय राज्य में हाशिए पर आ गई है, इसके अलावा आम चुनावों में भी पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब रहा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार प्रशांत किशोर को भी पार्टी ने चुनावी रणनीति तैयार करने के लिये बुलाया है। कांग्रेस को विश्वास है कि इस बार पार्टी राज्य में बेहतर प्रदर्शन करेगी।  कांग्रेस उत्तर प्रदेश के चुनावों में सत्ता में तो नहीं लेकिन चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है। ऐसे में वो चुनाव जीतने को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। 

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