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इस खिलाड़ी के दिल में था छेद, मन था फौलादी और जीत ली ज़िंदगी की बाज़ी

जिसे डॉक्टरों ने आठ साल का मेहमान बताया था वह आज 28 साल का है और टेबल टेनिस की दुनिया का सितारा बन गया है।

नई दिल्ली। जिंदगी में कभी हार नहीं मानी। चाहे वह टेबल टेनिस का कोर्ट हो या असल जिंदगी। महाराष्ट्र के सनिल शेट्टी हर जगह फाइटर बनकर लड़ते हैं। वह यह भी अच्छी तरह जानते हैं कि जीत हार तो जिंदगी का हिस्सा है पर अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ते। सनिल के पैदा होने के कुछ दिनों बाद ही परिजनों को पता चला कि उनके दिल में छेद है। डॉक्टरों ने उनके परिजनों से कहा कि वह सिर्फ आठ साल तक ही जी सकता है। इसके बाद तो उनके परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पर भगवान को तो कुछ और ही मंजूर था। जिसे डॉक्टरों ने आठ साल का मेहमान बताया था वह आज 28 साल का है और टेबल टेनिस की दुनिया का सितारा बन गया है।
 
सनिल ने कहा कि बचपन से ही मेरे दिल में छेद था। इसके लिए मुझे लगातार होम्योपैथी की दवाईयां दी जाती थीं। इसका नतीजा यह हुआ कि यह दवाइयां धीरे-धीरे असर करने लगीं और मेरे स्वास्थ्य में सुधार होने लगा। पांच वर्ष की उम्र तक मैं पूरी तरह से ठीक हो गया। हालांकि मैं इतना कमजोर था कि स्कूल भी नहीं जा सकता था। इसके चलते परिजनों ने मेरे खेलने पर भी बंदिश लगा दी थी। उन्हें डर था कि कहीं मेरी बीमारी मेरे लिए जानलेवा साबित न हो जाए।
जब नौ वर्ष का हुआ तो मैंने टेबल टेनिस खेलना शुरू कर दिया। इसके बाद मेरे पिता और भाई भी मेरा समर्थन करने लगे। शुरू में मैंने शारीरिक मजबूती के लिए दो महीने तक एथलेटिक्स में भी भाग लिया। इसके कुछ दिनों बाद मेरे भाई एक ट्रॉफी जीतकर घर लाए। उसे देखकर मैंने उनसे कहा मैं भी टेबल टेनिस को अपना करियर बनाना चाहता हूं। बस फिर क्या था शुरू हो गया। सनिल के भाई सुनील शेट्टी जूनियर टीम के कोच हैं। वहीं उनके पिता शंकर शेट्टी स्थानीय पैडलर्स की मदद करते हैं।

राजधानी के त्यागराज स्टेडियम में रविवार को खत्म हुए आइटीटीएफ वर्ल्ड टूर इंडिया ओपन में भले ही यह पैडलर प्रीक्वार्टर फाइनल में हार गया, लेकिन अपने से ऊंची रैंकिंग वाले ऑस्टिया के रॉबर्ट गाडरेस को कड़ी टक्कर दी। सनिल ने क्वालीफायर से अंतिम 16 तक का सफर तय किया। सनिल जर्मनी के एक क्लब में अपने खेल को निखार रहे हैं। वह वहीं से सीधे इंडिया ओपन में खेलने आए थे। सनिल अब अगले महीने थाईलैंड ओपन और उसके बाद एशियन चैंपियनशिप में भाग लेंगे। इसके लिए वह कड़ी मेहनत करेंगे ताकि शानदार प्रदर्शन कर सके।

सनिल 2015 के राष्ट्रीय चैंपियन भी हैं। इस दौरान उन्होंने मुंबई का 20 साल का सूखा खत्म किया था। उनसे पहले उनके राय की ओर से कमलेश मेहता 1995 में अंतिम बार राष्ट्रीय चैंपियन बने थे। सनिल ने नेहा अग्रवाल के साथ मिलकर मिक्स्ड डबल्स खिताब भी जीता। सनिल मौजूदा समय में भारत के चौथे और दुनिया के 218वें नंबर के खिलाड़ी हैं।

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