राजयोग व सर्वार्थ सिद्धि योग में मनेगी गुरु पूर्णिमा
गुरु भक्ति का पर्व गुरु पूर्णिमा रविवार को श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा। आषाढ़ पूर्णिमा को मनाए जाने वाला यह पर्व इस बार राजयोग में मनाया जाएगा। पंडित अक्षय शास्त्री के अनुसार गुरु पूर्णिमा वेद व्यास का प्राकट्य दिवस भी है। इस दिन गुरु की कृपा पाने के लिए उनकी पूजा की जाती है गुरु पूर्णिमा के दिन शुभकारी राजयोग रहेगा यह योग इस दिन सूर्य उदय से प्रारंभ होकर सुबह 9.37 बजे तक रहेगा इस विशेष योग में गुरु की पूजा—अर्चना करने से जीवन के समस्त कष्ट दूर होंगे।
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बन रहा है विशेष संयोग
इस वर्ष गुरु पूर्णिमा व देव गुरु बृहस्पति के कारण इस दिन अद्भुत संयोग बन रहा है। बृहस्पति को देवताओं के गुरु की मान्यता दी गई है और इस वर्ष गुरु पूर्णिमा की तिथि में बृहस्पति का बुध देव की कन्या राशि में गोचर इस तिथि को कई हजार गुणा पुण्यकारी बना रहा है। शास्त्री के अनुसार इस वर्ष गुरु पूर्णिमा शुभ संयोग लेकर आई है। लगभग 12 वर्ष बाद ऐसा संयोग बन रहा है। इस दिन किए गए पूजन कार्य व दान कई गुणा अधिक फल देंगे। गुरु पूर्णिमा पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में गुरु की पूजा करते हुए मनाई जाएगी। जब गुरु पूर्णिमा की तिथि में देव गुरु बृहस्पति बुध देव की कन्या राशि में रहेंगे। इस दौरान किया गया हर कार्य शुभ व पुण्यकारी होगा। बृहस्पति सांसारिक सुखों के कारक ग्रह माना गया है, जिनकी कृपा से वैभव एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।