अद्धयात्म

आर्थिक स्थिति सही करने के आसान उपाय

मान्यताओं के अनुसार इत्र का कोई सुगंध लगाकर पूजा, उपासना, आराधना या साधना करने से सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। लक्ष्मी व हनुमान की आराधना में चमेली की सुगंध परम सुख प्रदायक मानी गई है।आर्थिक स्थिति सही करने के आसान उपाय

  • घर में लगे पौधों के आसपास गंदगी (गमलों-पौधों में पड़े सूखे पत्ते, फूल, कीड़े आदि) लाभ का मार्ग बाधित करते हैं, करते हैं, ऐसा वास्तु संबंधित मान्यताएं कहती हैं।

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भविष्य पुराण के अनुसार, जिसके हाथों की उंगलियां विरल यानी बिखरी हुई होती हैं और उंगलियां जोड़ने पर भी छिद्र या खाली स्थान रह जाता हो, उसके पास कितना भी धन आ जाए, टिक नहीं पाता। 

जिसके कपोल कोमल और कमल के सदृश्य हों, वह धन, ऐश्वर्य व संपत्ति से युक्त होता है। गज, व्याघ्र और सिंह के समान कपोल वाले व्यक्ति उत्तम धन व संपत्तियों के स्वामी होते हैं और जीवन में महाआनंद भोगते हैं, ऐसा उल्लेख पुराणों में है। 

प्रश्न: आर्थिक स्थिति संवारने के लिए आप किस उपासना की संस्तुति करते हैं? 

उत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि अपनी योग्यता में नित्य इजाफा करके सही दिशा में अनवरत सटीक कर्म से उत्तम धनार्जन का उपक्रम कोई दूसरा नहीं है। जहां तक धनप्राप्ति की उपासनाओं का प्रश्न है, तो यह तंत्र शास्त्र के गंभीर विषय है, और इसके बहुत से शोध कर्म वर्तमान में विलुप्त हो गए हैं। जो बचे हुए भी हैं, उनकी भी पूर्णता स्पष्ट नहीं है। सिर्फ संदर्भ के लिए, यूं तो बहुत-सी साधनाएं धनप्रदायक मानी गई हैं, पर उनमें से यक्षिणी उपासना को धनार्जन के लिए श्रेष्ठ माना गया है। धन के देव माने जाने वाले लक्ष्मी और कुबेर यक्षिणी व यक्ष ही हैं। परंतु मेरी दृष्टि में धनकारक साधनाओं से ज्यादा श्रेयस्कर ऐश्वर्यकारक उपासनाएं हैं, क्योंकि धन होना ऐश्वर्य की गारंटी नहीं है, पर ऐश्वर्य और वैभव आने से धन की आपूर्ति स्वयमेव हो जाती है। अनेक शक्तियों की अर्चना के साथ माया की आराधना को भी ऐश्वर्य प्रदायक माना जाता है। शक्ति प्राप्त करने से भी धन हासिल हो सकता है। अतएव प्राचीन ग्रंथ आद्या महाशक्ति की उपासना पर बल देते रहे हैं। इसमें नवार्ण से शक्ति की उपासना या मार्कण्डेय पुराण के सात सौ श्लोक जो सप्तशती के नाम से विख्यात हैं, कारगर माने गए हैं। पर सनद रहे कि कर्म व स्वयं पर यकीन से बड़ा कोई उपाय नहीं है, क्योंकि आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार हमारी आत्मा, परमात्मा का ही अंश है। 

प्रश्न: कुछ समय से कई परेशानियों का सामना कर रहा हूं। क्या सरकारी नौकरी मिल सकती है?

उत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि मिथुन और लग्न धनु है। मकर का सूर्य धन भाव में विराजकर जहां आपको आर्थिक उलझनों से नवाज रहे हैं, वहीं पराक्रम का बुध आपके हौसले में कमी की फुसफुसाकर कर घोषणा कर रहा है। सुख भाव में मीन का बृहस्पति जहां आपके जीवन में भविष्य के आनंद की कथा लिख रहा है, वहीं लग्न में धनु का बृहस्पति आपकी नकारात्मक सोच से कष्ट का संकेत दे रहा है। नकारात्मक विचार आपकी समस्या के विस्तार में अहम भूमिका का निर्वहन किए चले जा रहे हैं। मैं दावे से कह सकता हूं कि यदि आप अपनी सोच की दिशा बदल दें, तो आपका पूरा जीवन ही परिवर्तित हो जाएगा। रही बात सरकारी नौकरी की, तो नौकरी सरकारी हो या गैरसरकारी, कर्मठ व्यक्ति के लिए इसका कोई अर्थ नहीं। आपकी कुंडली में करियर का स्वामी बुध जहां बेहतर स्थिति में नहीं है, वहीं सरकारी नौकरी का मुख्य ग्रह वृश्चिक का मंगल व्यय भाव में आसीन है। यह स्थिति बेहतर तैयारी, लगन और परिश्रम से ही सरकारी नौकरी पाने की चुगली कर रही है। सूरमे के भूमि विसर्जन, मांस-मदिरा का त्याग, वटवृक्ष की जड़ों में मीठे दुग्ध का अर्पण और प्रातः शहद मिश्रित जल के पान से लाभ का मार्ग प्रशस्त होगा, ऐसा मैं नहीं, पारंपरिक अवधारणाएं कहती हैं। 

प्रश्न: मुझे मेरी मां के दोस्त से लगाव हो गया है, जो मुझसे उन्नीस वर्ष बड़े हैं। मुझे लगता है कि वह भी मुझे बहुत प्यार करते हैं। क्या मुझे उन्हें प्रपोज करना चाहिए, या और विचार करना चाहिए? क्या यह मेल संभव है? 

उत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि वृष और लग्न वृश्चिक है। पति भाव में सूर्यदेव बैठकर जहां आपकी किसी भावनात्मक क्षति का संकेत दे रहे हैं, वहीं साथ में केतु की मौजूदगी बेमेल संबंधों के प्रति झुकाव की कथा रच रही है। रिश्तों के मिलान के लिए पार्टनर का भी जन्म विवरण जरूरी है। मैं आपको विवाह से पहले अपने करियर पर ध्यान केंद्रित करने की अनुशंसा करता हूं। इस समय आप शनि की अढैय्या के अधीन हैं, और लग्न में बैठे वृश्चिक के राहु की महादशा को भी भोग रही हैं, जो निश्चित रूप से श्रेष्ठ काल नहीं है। उम्र का फासला ज्योतीषिय परिधि से परे है। 

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