स्वास्थ्य

शकुन अपशकुन छोड़िये, वैज्ञानिक कारण जानिये की क्यों फड़कती हैं आँखें

हमारे भारत देश में लोगों के मन में वेह्म भ्रम आज से नहीं बल्कि पुराने समय से चलते आ रहे हैं. इन्ही में से आँखों का फडकना भी एक वेहम माना जाता है. जब भी किसी की आँख फडकती है तो उसके मन में सबसे पहला सवाल आता है कि “दायीं आँख फडकने से अच्छा होता है या बायीं?” ऐसे में सामने वाला साथी कंफ्यूज होकर उसको जो भी बोलता है वह मान लेता है. जबकि, आँखों के फड़कने से कुछ अच्छे या बुरे का कोई लेन देन नहीं है. आँखों के फड़कने के कुछ अन्य कारण होते हैं. आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि हमारी आँखों के फडकने का आखिर क्या कारण है? साथ ही हम आपको बताते चले कि आँख का फड़कना कुछ सेकंड्स की किर्या भी हो सकती है और कुछ दिनों की भी. ऐसे में कईं बार इंसान की आँख फड़कने के बाद उसको रुकने में कुछ सेकंड लगते हैं तो कईं बार घंटो बीतने के बाद भी आँख का फड़कना ज़ारी रहता है.शकुन अपशकुन छोड़िये, वैज्ञानिक कारण जानिये की क्यों फड़कती हैं आँखें

आंखों के फड़कने के पीछे कुछ साइंटिफिक कारण होते हैं. डॉक्टर की भाषा में “Myokymia” कहा जाता है. इस परिस्थिति में आंखों की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं और आंख फड़फड़ाने लगती हैं. चलिए आगे इसके कारणों पर बात करते हैं.

आज की पीढ़ी अपने कामकाज में काफी बिजी हो गई है. ऐसे में दुनिया में हर दूसरे व्यक्ति को तनाव होना आम बात हो गई है. तनाव होने से हमारा शरीर विभिन्न तरीकों से प्रतिक्रिया देता है. ऐसे में आंखों का फड़फड़ाना भी इन्हीं प्रतिक्रियाओं में से एक प्रतिक्रिया है.

कई बार लगातार कंप्यूटर पर बैठे रहने के कारण या अधिक दवाइयों के सेवन के कारण हमारी आंखें सुखी एवम ड्राई होने लगती हैं. ऐसे में आंखों का फड़फड़ाना आम बात है. इस परिस्थिति से बचने के लिए आप आंखों की नमी बनाए रखें.

जिन लोगों की आंखों की निगाह कमजोर होती है, उन्हें लगातार काम करने के कारण आंखों पर अधिक जोर पड़ता है. इसलिए कई बार आंखों का नंबर बढ़ने की स्थिति में हमारी आंखें फड़फड़ा सकती हैं.

 

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