जबलपुर : दानापुर से पुणे जा रही ट्रेन में कटनी के पास आर्मी के एक जवान ने एस-5 कोच की अपनी सीट पर दूसरे यात्री को बैठा देखा तो इतना नाराज हुआ कि उसने जबलपुर जीआरपी कंट्रोल रूम में फोन कर ट्रेन में आतंकवादी होने की सूचना दे दी। सूचना मिलते ही जीआरपी और आरपीएफ ने जबलपुर स्टेशन घेर लिया। सेना को भी सूचना दी गई। हालांकि, स्टेशन पर ट्रेन रुकते ही मामला साफ हो गया कि ट्रेन में कोई आतंकवादी नहीं है। ट्रेन में सीट पर बैठने का विवाद था। आर्मी जवान ने भी झूठी सूचना देने के लिए माफी मांग ली। इसके बाद सेना पुलिस ने आर्मी जवान का आइकार्ड जब्त कर लिया और उसे जाने दिया। आगे की कार्रवाई सेना के स्तर पर ही होगी। यात्रियों ने बताया कि सेना के जवान ने ट्रेन में यात्रियों से जमकर झगड़ा किया था। आर्मी का जवान नंदन कुमार ट्रेन 12150 में परिवार के साथ पटना से पुणे की यात्रा कर रहा था। एस-5 कोच में उसकी सीट रिजर्व थी, लेकिन कुछ लोग उसकी सीट पर आकर बैठ गए। उसने उन्हें वहां से हटने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माने। इस पर आर्मी जवान का यात्रियों के साथ विवाद हो गया। इससे नाराज जवान कुछ देर के लिए वहां से हट गया और ट्रेन के गेट पर जाकर जीआरपी कंट्रोल रूम में अपनी सीट पर आतंकवादी बैठे होने की सूचना दे दी। जैसे ही अधिकारी कोच की सीट पर पहुंचे, न तो जवान मिला और न ही आतंकवादी। जांच अधिकारियों ने उसे खोजा तो वह ट्रेन के बाथरूम में छिपा मिला। प्लेटफार्म पर उतारकर उससे पूछताछ की, तो नंदन कुमार ने माना कि उसी ने आतंकवादी होने की सूचना दी थी। वीरेन्द्र कुमार, टीआई, आरपीएफ, जबलपुर ने बताया कि दोपहर को जीआरपी कंट्रोल में फोन आया कि ट्रेन नंबर 12150 के स्लीपर कोच में आतंकवादी हैं। जांच में सूचना गलत निकली। आर्मी के जवान ने सीट से यात्री को हटाने के लिए यह सूचना दी थी।